tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post8751093105397385851..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: ख्वाब में आके वो सताने लगादिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-22778156837700857242010-01-05T21:17:15.936+05:302010-01-05T21:17:15.936+05:30यक़ीन साहेब की ग़ज़ल संवेदनाओं को विस्तार देती है......यक़ीन साहेब की ग़ज़ल संवेदनाओं को विस्तार देती है...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-69959959469949458362010-01-05T20:49:29.274+05:302010-01-05T20:49:29.274+05:30इस हादसे से एक और हादसा याद आ गया जो हमारे साथ हुआ...इस हादसे से एक और हादसा याद आ गया जो हमारे साथ हुआ था कुछ वर्ष पहले शिमला से आगे रामपुर में ऐसे ही ब्रीज बनाते हुये सेना के ३२ जवान बह गये थे जिसमें दो अधिकारी भी शामिल थे। पूरे एक महीने तक हम शवों की तलाश करते रहे मगर बस छः शव मिले हमें।<br /><br />यकीन साब की ग़ज़ल पे तो क्या कहूँ....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-51320820255220298402010-01-05T15:05:39.416+05:302010-01-05T15:05:39.416+05:30एक और अच्छी ग़ज़लएक और अच्छी ग़ज़लAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6833941405640834152010-01-05T11:56:56.241+05:302010-01-05T11:56:56.241+05:30बहुत मार्मिक घटना है। मन दुखी हो गया पुरुशोतम यकीन...बहुत मार्मिक घटना है। मन दुखी हो गया पुरुशोतम यकीन जी को पढना बहुत अच्छा लगता है ये गज़ल भी कमाल की है धन्यवादनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-55644996027578301052010-01-05T00:26:28.670+05:302010-01-05T00:26:28.670+05:30आदरणीय सर,
दर्द को संजीदगी से कह पाना यक़ीन जी के ल...आदरणीय सर,<br />दर्द को संजीदगी से कह पाना यक़ीन जी के लिए ही बना है ऐसा लगता है। कितनी मार्मिक घट्ना है। <br />आपका आभार जो आपने यक़ीन जी से फिर मिलवाया।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43512682453724312342010-01-04T11:47:10.999+05:302010-01-04T11:47:10.999+05:30इस तरह के हादसे अक्सर देखने को मिलते हैं...जो वस्त...इस तरह के हादसे अक्सर देखने को मिलते हैं...जो वस्तुत: मिलावट के कारण ही अधिक होते हैं.....<br />इस तरह असमय मृत्यु बहुत असहनीय होती है....हम तो सिर्फ दुख ही प्रकट कर सकते हैं..।बहुत भाव पूर्ण रचना प्रेषित की है।आभार।.परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49199042462742066212010-01-04T11:22:31.763+05:302010-01-04T11:22:31.763+05:30बहुत दुखद घटना, मार्मिक रचना.
रामराम.बहुत दुखद घटना, मार्मिक रचना.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16174773588386869272010-01-04T09:00:39.664+05:302010-01-04T09:00:39.664+05:30एक सुंदर अभिव्यक्ति...दिल को बातों की एक खूबसूरत प...एक सुंदर अभिव्यक्ति...दिल को बातों की एक खूबसूरत प्रस्तुति ग़ज़ल के रूप में..बहुत बहुत धन्यवाद जी!!विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6466524523020024632010-01-04T08:41:56.999+05:302010-01-04T08:41:56.999+05:30यकीनन एक संवेदनशील पोस्ट.यकीनन एक संवेदनशील पोस्ट.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-89206378129801586042010-01-04T08:38:54.723+05:302010-01-04T08:38:54.723+05:30यकीनन ! कुछ गम कुछ खुशी लिए यह रचना !यकीनन ! कुछ गम कुछ खुशी लिए यह रचना !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21859372878738011692010-01-04T07:26:35.606+05:302010-01-04T07:26:35.606+05:30’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी...<b>’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’</b><br /><br />-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.<br /><br />नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'<br /><br /><b>कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.</b><br /><br />-सादर, <br />समीर लाल ’समीर’Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-50522276933664927182010-01-04T03:33:49.336+05:302010-01-04T03:33:49.336+05:30हादसे में अपनों को खोने के दर्द से गुजर चुका हूं। ...हादसे में अपनों को खोने के दर्द से गुजर चुका हूं। संवेदनशील पोस्ट। यकीन साहब की ग़ज़ल पर कुछ भी कहने में निशब्द हूं क्योंकि ये उससे आगे की बात कहती है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36073690852626059882010-01-04T01:34:26.379+05:302010-01-04T01:34:26.379+05:30यह खबर हम ने भी देखी थी बहुत दुखद है,गजल मै भी दर्...यह खबर हम ने भी देखी थी बहुत दुखद है,गजल मै भी दर्द झलकता हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23831617332230170442010-01-04T01:00:20.202+05:302010-01-04T01:00:20.202+05:30निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने से हुई जनहानि दुखद ...निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने से हुई जनहानि दुखद है ! ...अत्यंत दुखद ! <br />पता नहीं क्यों ग़ज़ल कुछ खास नहीं लगी ? शायद घटना से विचलित मेरा मन ग़ज़ल के अच्छे पहलुओं को नज़रंदाज़ कर गया हो ,अतः खेद सहित !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38655201048025160512010-01-04T00:40:27.161+05:302010-01-04T00:40:27.161+05:30पुरुषोत्तम यकीन जी को पढ़ना बड़ा सुखद रहा. आपका आभार...पुरुषोत्तम यकीन जी को पढ़ना बड़ा सुखद रहा. आपका आभार कहता हूँ.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com