tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post8061819731101169282..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: श्रवण जी! अब क्या बचा है? भरोसा तो उठ चुका हैदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88597198653313964752010-06-12T05:13:56.134+05:302010-06-12T05:13:56.134+05:30विचारणीय आलेख
आपकी पोस्ट चर्चा ब्लाग4वार्ता पर भी...विचारणीय आलेख<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/06/blog-post_12.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट चर्चा ब्लाग4वार्ता पर भी है.</a>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-27822631448678959342010-06-11T19:25:00.730+05:302010-06-11T19:25:00.730+05:30बुरी हालत है ....धन्यवाद इस पोस्ट के लिएबुरी हालत है ....धन्यवाद इस पोस्ट के लिएराम त्यागीhttps://www.blogger.com/profile/05351604129972671967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-68026754299021595532010-06-11T19:00:13.116+05:302010-06-11T19:00:13.116+05:30सारा लिखा कम और सारा पढा अधूरा लगता है।सारा लिखा कम और सारा पढा अधूरा लगता है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63063899755306625292010-06-11T17:02:56.605+05:302010-06-11T17:02:56.605+05:30कहना चाह रहा था कि चुप्प भली है लेकिन मुख से निकल ...कहना चाह रहा था कि चुप्प भली है लेकिन मुख से निकल रहा है, चुप्प भली नहीं है.Baljit Basihttps://www.blogger.com/profile/11378291148982269202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-14418532352477934612010-06-11T13:12:08.935+05:302010-06-11T13:12:08.935+05:30..डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28681352195194559312010-06-11T13:11:56.831+05:302010-06-11T13:11:56.831+05:30इस विसँगति पर, गत तीन दिनों में इतना लिख चुका हूँ ...<i><br />इस विसँगति पर, गत तीन दिनों में इतना लिख चुका हूँ कि अब मेरा नपुँसक आक्रोश मुँह छुपाने को हताशा का आँचल तलाश रही है । नपुँसक इसलिये कि अपनी ज़रूरतों और आकाँक्षाओं पर बलात्कार झेल कर भी हम ऎसी व्यवस्थाओं को चुनते आये हैं, जो मौका पड़ने पर हमें नामर्द साबित करते आये हैं ।<br />क्या यह हमें पुनः ’ करो या मरो’ की ओर उकसा रहे हैं ?<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57182350249203171802010-06-11T08:45:11.004+05:302010-06-11T08:45:11.004+05:30हर कदम पर गिर कर हमने अपने सामूहिक चरित्र को उजागर...हर कदम पर गिर कर हमने अपने सामूहिक चरित्र को उजागर कर दिया है जग के सामने । लगता है, वापसी का मार्ग कईयों की बलि लेगा ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44853452768987724572010-06-11T00:37:27.560+05:302010-06-11T00:37:27.560+05:30@काजल भाई
ये क्या कह गये आप !@काजल भाई <br />ये क्या कह गये आप !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-60905792941073287802010-06-11T00:37:24.658+05:302010-06-11T00:37:24.658+05:30@काजल भाई
ये क्या कह गये आप !@काजल भाई <br />ये क्या कह गये आप !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49908859814846891832010-06-10T22:55:54.351+05:302010-06-10T22:55:54.351+05:30बहुत ही गंभीर धर्मसंकट से गुजर रहें हैं इस देश के ...बहुत ही गंभीर धर्मसंकट से गुजर रहें हैं इस देश के लोग इन हैवानो के साथ हैवानो सा वर्ताव कर हर हाल में इनको मिटा दें या इंसानियत को बनाये रखकर भगवान के न्याय की प्रतीक्षा करें ?honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90917028008284532662010-06-10T22:35:22.180+05:302010-06-10T22:35:22.180+05:30बहुत अफसोसजनक हालात...कैसा भरोसा और किस पर!!बहुत अफसोसजनक हालात...कैसा भरोसा और किस पर!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-8047093292463183262010-06-10T20:19:39.043+05:302010-06-10T20:19:39.043+05:30हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए।हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए।Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-87268753537620713222010-06-10T20:18:14.545+05:302010-06-10T20:18:14.545+05:30अब कोई बंदूक उठा कर बाग़ी हो जाए तो क़सूर किसका है...अब कोई बंदूक उठा कर बाग़ी हो जाए तो क़सूर किसका हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91202165488896369842010-06-10T19:57:24.897+05:302010-06-10T19:57:24.897+05:30बजा फरमाया...बजा फरमाया...रवि कुमार, रावतभाटाhttps://www.blogger.com/profile/10339245213219197980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-5575960655454660872010-06-10T18:37:03.154+05:302010-06-10T18:37:03.154+05:30@अशोक कुमार पाण्डेय
'सत्ता और पूंजीपतियों के ...@अशोक कुमार पाण्डेय <br />'सत्ता और पूंजीपतियों के नापाक गठजोड़'<br />सत्ता ही उन्हीं की है जी, गठजोड़ का कहाँ प्रश्न उठता है? सरकार तो मुखौटा मात्र है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3200001162732627612010-06-10T18:21:26.586+05:302010-06-10T18:21:26.586+05:30इतना सहमत हूं कि कुछ नहीं जोड़ना
सदी के इस सबसे भ...इतना सहमत हूं कि कुछ नहीं जोड़ना<br /><br />सदी के इस सबसे भयावह विश्वासघात में पूरा सत्ता वर्ग शामिल है। यह सत्ता और पूंजीपतियों के नापाक गठजोड़ का मूर्त उदाहरण है।Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-78991165936632363592010-06-10T18:20:56.230+05:302010-06-10T18:20:56.230+05:30बजा फरमा रहे हैं दिनेश जी -भरोसा पूरी तरह उठ गया ह...बजा फरमा रहे हैं दिनेश जी -भरोसा पूरी तरह उठ गया है मगर विकल्प क्या है ?<br />और हाँ चटका लगा दिया है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com