tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post8031982535169309857..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: पुरुष बहुत्वम् : पुरूष अनेक हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88328269999291670262009-08-07T11:14:55.281+05:302009-08-07T11:14:55.281+05:30आप पुरुष का इतना विरोध न करें। लग रहा है कि आप भी...आप पुरुष का इतना विरोध न करें। लग रहा है कि आप भी 'समीर जी' की तरह उसी खेमे में चले गए हैं। <br /><br />पुरुष प्रजाति वैसे ही संकटग्रस्त है। दया करो नाथ।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-68225562307556250952009-08-05T07:24:36.098+05:302009-08-05T07:24:36.098+05:30राखी के पावन पर्व की मंगल कामना
आपका यह् विद्वताप...राखी के पावन पर्व की मंगल कामना <br />आपका यह् विद्वतापूर्ण आलेख<br /> आज ही देख पाई हूँ <br />अब सारे ध्यान से बांचन होगा <br /> बहुत उम्दा - गूढ़ विषय पर <br />पैनी द्रष्टि से विश्लेषण किया है <br /> सस्नेह, <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85197799841927461792009-08-04T22:25:24.678+05:302009-08-04T22:25:24.678+05:30मैं अर्विन्द मिश्रा जी की बात से सहमत हूँ लगता है ...मैं अर्विन्द मिश्रा जी की बात से सहमत हूँ लगता है हमारा ब्लागजगत ब अपने वेदों और पुरानों को बहुत आसानी से सम्झ सकेगा आपका ये साह्स श्रम साध्य कार्य बहुत सार्थक है बहुत बहुत शुभकामनायें बधाई और आभार राखी के शुभ अवसर पर सारे परिवार को बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7638901167950676362009-08-04T08:20:44.135+05:302009-08-04T08:20:44.135+05:30जमाये रहिये जी! बाकी हमारे लिये तो करिया अच्छर भैं...जमाये रहिये जी! बाकी हमारे लिये तो करिया अच्छर भैंस बराबर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44525181709666443182009-08-04T07:55:13.798+05:302009-08-04T07:55:13.798+05:30बहुत धन्यवाद इस ज्ञानमयी श्रंखला के लिये.
रामराम....बहुत धन्यवाद इस ज्ञानमयी श्रंखला के लिये.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-12156470570368268332009-08-04T07:25:42.756+05:302009-08-04T07:25:42.756+05:30शंकर ने सांख्य का विरोध महज इसलिए ही किया होगा की ...शंकर ने सांख्य का विरोध महज इसलिए ही किया होगा की यह सहज ही बुद्धिगम्य नहीं है -शंकर ने विचारों को आम जन तक पहुचाने में जिसमे वे पटु थे -सांख्य के मामले में मात खा गए होगें ! मैं तो आपके साहस को ही देखकर स्तंभित हूँ की इतने गूढ़ विषय को आपने ब्लॉग लेखन के लिए कैसे चुन लिया !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-78635403286348605992009-08-04T07:22:19.682+05:302009-08-04T07:22:19.682+05:30बहुत बढ़िया द्विवेदी जी।
बधाई।बहुत बढ़िया द्विवेदी जी।<br />बधाई।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65920807855351879482009-08-04T06:27:11.436+05:302009-08-04T06:27:11.436+05:30अगली दार्शनिक व्याख्या की प्रतीक्षा है.अगली दार्शनिक व्याख्या की प्रतीक्षा है.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.com