tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post7554588143266287121..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: प्रोफेशनलिज्म क्या है?दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-53261762116078918782008-05-14T03:54:00.000+05:302008-05-14T03:54:00.000+05:30भाई जी,मैं पूर्णतया इस बात से सहमत हूँ किजिस कार्य...भाई जी,<BR/>मैं पूर्णतया इस बात से सहमत हूँ कि<BR/>जिस कार्य को भी संपादित किया जाये<BR/>उसमें प्रोफ़ेशनलिज़्म तो अवश्य होनी <BR/>चाहिये तभी आपकी पहचान बन पाती है ।<BR/><BR/>प्रोफ़ेशनल होने को धनार्जन से न जोड़ा जाये<BR/>तो इसकी बेहतर व्याख्या हो सकती है ।<BR/><BR/><BR/>चिट्ठाकरों को एक दिन अपनी सोच, तकनीक<BR/>एवं प्रस्तुति में प्रोफ़ेशनल होना ही पड़ेगा ।डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15241688851261809182008-05-11T13:57:00.000+05:302008-05-11T13:57:00.000+05:30प्रोफेशनल को ... अपने 'प्रोफेशनल कार्यों' का विशेष...प्रोफेशनल को ... अपने 'प्रोफेशनल कार्यों' का विशेषज्ञ होना चाहिए<BR/>प्रोफेशनल द्वारा किए जाने वाले सारे कार्य इसमें आते हैं, या फिर कुछ कार्य इससे बाहर भी होते हैं? तार्किक तरीके से देखें तो 'प्रोफेशनल' और 'प्रोफेशनल कार्य' एक दुसरे पर निर्भर हैं... तो फिर ये परिभाषा अपूर्ण जैसी लगती है. <BR/>माफ़ कीजियेगा गणित का छात्र रहा हूँ. :-)Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52452105839609908642008-05-11T09:05:00.000+05:302008-05-11T09:05:00.000+05:30सहमत हूँ आपसे और साथ ही ज्ञानदत्त जी वाली बात से भ...सहमत हूँ आपसे और साथ ही ज्ञानदत्त जी वाली बात से भी..यानि सहमति में उतना माईनस करते हुए.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-77983735863793153602008-05-11T06:07:00.000+05:302008-05-11T06:07:00.000+05:30बस इसपर अपत्ति है - प्रोफेशनल के कामों का परिणाम ह...बस इसपर अपत्ति है - <BR/><I>प्रोफेशनल के कामों का परिणाम हो कि जन कल्याण की नीतियों और न्याय जैसे सामाजिक मामलों पर राय रखने की उस की अधिकारिता को उस के विशिष्ठ सेवार्थियों के साथ-साथ आम जनता भी मान्यता देने लगे।</I><BR/>लोगों की फिक्र करने लगेगा प्रोफेशनल तो उसे चीथने को बहुत से है। जितना बढ़िया करेगा, उतने ज्यादा निन्दक---Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com