tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post7262117254810758833..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: मुन्नी पोस्ट, मुन्नी कविता, 'मम्मी इतना तो बतला दो' पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42358631071274193302009-08-29T07:48:53.719+05:302009-08-29T07:48:53.719+05:30" वह जल्दी घर से जाते थे और देर से आते थे ।
..." वह जल्दी घर से जाते थे और देर से आते थे ।<br /> एक दिन घर जल्दी आ गये तो बच्चे ही डर गये ॥"<br />बहुत ही सुन्दर कविता । मार्ड्न होते समाज की विसंगतियाँ दिखाती हुई ...Dr Prabhat Tandonhttps://www.blogger.com/profile/14781869148419299813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-73112052295128719722009-08-28T01:20:11.345+05:302009-08-28T01:20:11.345+05:30दिनेश जी बहुत सुंदर कविता,लेकिन कई भिन्न भिन्न अर्...दिनेश जी बहुत सुंदर कविता,लेकिन कई भिन्न भिन्न अर्थ लिये है यह कविता, <br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-69362372344550569182009-08-27T21:11:58.688+05:302009-08-27T21:11:58.688+05:30गागर में सागर...गागर में सागर...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82880735351403005252009-08-27T13:12:21.544+05:302009-08-27T13:12:21.544+05:30दिवेदी जी मैं तो अपना निक नेम पढ कर भागी आयी अभी भ...दिवेदी जी मैं तो अपना निक नेम पढ कर भागी आयी अभी भी अधिक लोग मुझे मुन्नि के नाम से जानते हैं किसि की मुन्नी दीदी किसी की मुन्नी आँटी यहां तक कि किसी की मुन्नी नानी भी हूँ हा हा हा। कविता बहुत सुन्दर है बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67957476920389596072009-08-27T10:29:40.810+05:302009-08-27T10:29:40.810+05:30जैसे सोचो, वैसे ही अर्थ निकल रहे हैं. चार लाइनों म...जैसे सोचो, वैसे ही अर्थ निकल रहे हैं. चार लाइनों में समाई पूरी जिंदगी. क्या बात है. शानदार.Ghost Busterhttps://www.blogger.com/profile/02298445921360730184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45483589954732098642009-08-27T10:10:12.872+05:302009-08-27T10:10:12.872+05:30एक गहन सोच को बाध्य करती मुन्नी कविता के लिये धन्य...एक गहन सोच को बाध्य करती मुन्नी कविता के लिये धन्यवाद.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86206728540870580732009-08-27T09:11:44.606+05:302009-08-27T09:11:44.606+05:30मुन्नी की कविता कहती मुन्नी सी इस पोस्ट का कथ्य मु...मुन्नी की कविता कहती मुन्नी सी इस पोस्ट का कथ्य मुन्ना सा नही है. बहुत गहराई से सोचने का आग्रह करती है कविता. पहले बेटियों वाली ग़ज़ल और अब पुरुषोत्तम जी की यह कविता पढवाने के लिए द्विवेदी जी को धन्यवाद.Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44923385925697524192009-08-27T08:39:50.490+05:302009-08-27T08:39:50.490+05:30क्या बात है!!
आभार इस रचना को प्रस्तुत करने का!क्या बात है!!<br /><br />आभार इस रचना को प्रस्तुत करने का!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com