tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6926114494174118162..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: किताबों में बन्द। कानून का राज?दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23309738525169329302008-01-10T13:12:00.000+05:302008-01-10T13:12:00.000+05:30सही!किताबों में बंद कानून पढ़ता कौन है आज किताबेंसज...सही!<BR/><BR/>किताबों में बंद कानून <BR/>पढ़ता कौन है आज किताबें<BR/>सजती है बस किताबें यहां-वहां<BR/>कब किताबें है बनी शो पीस <BR/>उनमें बंद कानून भी हुआ शो पीस!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-75347135556007535172008-01-10T08:05:00.000+05:302008-01-10T08:05:00.000+05:30आप की बात बिलकुल सही है। लेकिन समस्या यह है कि जो ...आप की बात बिलकुल सही है। लेकिन समस्या यह है कि जो बात देश को बहुत-बहुत पीछे ले जाने वाली है। उस की ओर किसी का ध्यान ही नहीं है। उसी की कोशिश में लगा हूँ। कल यहां संभागीय स्तर पर इसी बात को लेकर एक सेमीनार बार की ओर से करने का सिलसिला शुरू हुआ है। बाद में संभाग और राजस्थान की सभी बार ऐसोसिएशनों में ऐसा करने और इस के लिए प्रान्तों की बार काउंसिलों और बार काउंसिल ऑफ इण्डिया तक को इस काम को हाथ में लेने के लिए प्रेरित करने का प्रयास है। देखते हैं, क्या कुछ कर पाते हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16750857796218882052008-01-10T07:33:00.000+05:302008-01-10T07:33:00.000+05:30कानून का किताबों में बन्द होना खतरे की घण्टी है। प...कानून का किताबों में बन्द होना खतरे की घण्टी है। पहली बात तो यह कि लोग कानून की अवज्ञा करते हैं। दूसरे - कानून लागू करने की मशीनरी अक्षम है। तीसरे - कानून बड़ा जटिल और बोझिल है; जो समझ नहीं आता। <BR/>मुझे तो ये तीनों लगते हैं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com