tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6888196552245533881..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: माफी गलती का हल नहीं, गलती के कारणों को खुद अपने अंदर तलाशना चाहिएदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52730395948669630032010-08-18T21:15:31.768+05:302010-08-18T21:15:31.768+05:30अभी तक इस मुद्दे पर पढ़ा गया सबसे संतुलित लेख लगा ह...अभी तक इस मुद्दे पर पढ़ा गया सबसे संतुलित लेख लगा है मुझे.. वैसे अब इस मुद्दे पर कोई भी लेख देखकर मैं भाग लेता हूँ वहाँ से.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21252526817592643032010-08-11T13:11:06.105+05:302010-08-11T13:11:06.105+05:30दिनेश भाई,
आप तो वकील हैं जानते हैं कि ग़लती अगर ...दिनेश भाई,<br /><br /><br />आप तो वकील हैं जानते हैं कि ग़लती अगर जानबूझ कर की जाए अपराध होता है और विभूति जी ने यह गलती गलती से की है या किसी इरादे से पता नही. किंतु गलती भी की है तो भाषा की असावधानी तो है ही. बहरहाल, मामला कुछ ज़्यादा ही तूल पकड रहा है.प्रदीप कांतhttps://www.blogger.com/profile/09173096601282107637noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-712796444373136502010-08-11T08:39:42.983+05:302010-08-11T08:39:42.983+05:30उम्दा पोस्ट के लिए धन्यवाद
ब्लॉग4वार्ता की 150वी...<i><b>उम्दा पोस्ट के लिए धन्यवाद<br /><br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/08/4-150.html" rel="nofollow">ब्लॉग4वार्ता की 150वीं पोस्ट पर आपका स्वागत है</a> </b></i>ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39702469660375794762010-08-10T19:32:39.153+05:302010-08-10T19:32:39.153+05:30बिल्कुल सही और सटीक बात.
रामराम.बिल्कुल सही और सटीक बात.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41578109385727229592010-08-10T11:24:07.231+05:302010-08-10T11:24:07.231+05:30बहुत बढिया पोस्ट है
अनिच्छा से खोली थी, लेकिन अंत ...बहुत बढिया पोस्ट है<br />अनिच्छा से खोली थी, लेकिन अंत आते-आते बहुत प्रेरक लगी।<br />धन्यवाद इस प्रेरणादायी पोस्ट के लिये<br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85716661992324827162010-08-10T08:20:33.810+05:302010-08-10T08:20:33.810+05:30हाँ, एक बात विनम्रता पूर्वक मैं यह और कहना चाहता ह...हाँ, एक बात विनम्रता पूर्वक मैं यह और कहना चाहता हूँ कि इतिहास में महान वे नहीं हुए जिन्हों ने कोई गलती नहीं की,अपितु वे हुए जिन्हों ने गलतियाँ कीं और पश्चताप की ज्वाला में जलते हुए खुद को कुंदन की तरह खरा बना लिया।<br /><br />महान विचार है। स्वयं को तपा डालने से विकार भी वाष्पित हो जाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6237759117473040792010-08-10T08:18:55.676+05:302010-08-10T08:18:55.676+05:30प्रोफेशन अलग हैं लेकिन वरिष्ठ वकील जैसा हादसा मेरे...प्रोफेशन अलग हैं लेकिन वरिष्ठ वकील जैसा हादसा मेरे साथ भी हुआ था :)<br /><br />सामान्यतः विवादों से दूर रहने की पॉलिसी ही सही है ,क्योंकि ज्यादातर ऐसे विवादों का मूल , पारिवारिक संस्कार कम और हवाओं में छा जाना अधिक होता है ! जीवन के दूसरे जुगाड़ों की तरह ये भी एक जुगाड़ है जो हलकट को क्षण में ज्ञान परिपूर्ण छलकट बन देता है ! जिसे सैकड़ों भी मुश्किल से चीन्हते हों उसे करोड़ों जानने लग जाते हैं ! ख्याति/कुख्याति का शार्टकट है ये ...मजेदार बात ये कि इस प्रवृत्ति को गरियाने वाले भी घंटों चटखारे लेकर इस बहस भाग लेते हैं और बोधि ज्ञान प्राप्त करने की चेष्टा और नीति उपदेशक होने का दिखावा करते हैं !<br /><br />विभूति जी के प्रकरण में मुझे सन्दर्भों का ज्ञान नहीं और ना ही मैं इसमें उलझने का इच्छुक हूं !<br /><br />पर जुगाड़ पर आपके विचारों के चलते यह प्रतिक्रिया दे बैठा !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-4825377496486364732010-08-10T06:09:02.253+05:302010-08-10T06:09:02.253+05:30बिल्कुल सही है वकील साहेब आपका स्टैंड.बिल्कुल सही है वकील साहेब आपका स्टैंड.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28393706427831739242010-08-10T02:11:52.238+05:302010-08-10T02:11:52.238+05:30वकील साहब, आपका जजमेंट काबिले क़बूल है, 'छिनाल...वकील साहब, आपका जजमेंट काबिले क़बूल है, 'छिनाल' की बहस में उलझे हुए लोगों को यह फ़ैसला पढ़ लेने के बाद अधिक माथा-पच्ची करने की ज़रूरत नहीं रह जाती. धन्यवाद. <br /><br />-- mansoorali hashmiMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54542455192666502772010-08-10T01:21:15.456+05:302010-08-10T01:21:15.456+05:30सई है जी। हम भी इसई लाइन की बात कह रहे है।सई है जी। हम भी इसई लाइन की बात कह रहे है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33880073055424124162010-08-10T01:10:30.193+05:302010-08-10T01:10:30.193+05:30दिनेश जी बहुत अच्छी शिक्षा दी आप ने, बहुत अच्छा लग...दिनेश जी बहुत अच्छी शिक्षा दी आप ने, बहुत अच्छा लगा,ऎसी बाते जिन्दगी मै उतारने के लायक होती है,आप के लेख से सहमत है जी, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com