tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6873855458413299799..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: दोराहा, निश्चय और समंजसदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33382326570383180122012-04-19T08:14:43.088+05:302012-04-19T08:14:43.088+05:30क्या बात है! मर्मस्पर्शी सृजन , शुभकामनयें जी /क्या बात है! मर्मस्पर्शी सृजन , शुभकामनयें जी /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-2276510767397592432012-04-18T22:16:16.439+05:302012-04-18T22:16:16.439+05:30तर्कसंगत निर्णय सही समय पर लेने बाला ही प्रगतिपथ प...तर्कसंगत निर्णय सही समय पर लेने बाला ही प्रगतिपथ पर जाता है....रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28262400847909465312012-04-18T20:53:19.819+05:302012-04-18T20:53:19.819+05:30उहापोह से उबरने की प्रेरणा देनेवाली अच्छी पोस्ट।...उहापोह से उबरने की प्रेरणा देनेवाली अच्छी पोस्ट।<br /><br />आपने 'असमंजस' का मूल बताकर बोनस दे दिया। धन्यवाद।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33479552002027059012012-04-18T10:59:52.753+05:302012-04-18T10:59:52.753+05:30दोराहे पर फैसला लेना आसान नहीं होता ! यहीं हिम्मत ...दोराहे पर फैसला लेना आसान नहीं होता ! यहीं हिम्मत का इम्तहान भी हो जाता है ...<br />शुभकामनायें भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-76481565715622733912012-04-18T10:02:13.504+05:302012-04-18T10:02:13.504+05:30विकल्प पर निर्णय ही समंजस है..देखिये न, झील तो वहा...विकल्प पर निर्णय ही समंजस है..देखिये न, झील तो वहाँ भी मिली।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85040107680749210952012-04-18T08:20:21.312+05:302012-04-18T08:20:21.312+05:30@ Mansoor Ali
आप का जवाब नहीं, मंसूर भाई!@ Mansoor Ali <br />आप का जवाब नहीं, मंसूर भाई!दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71770829366728610762012-04-18T08:09:59.269+05:302012-04-18T08:09:59.269+05:30काश ! भारत सरकार में एक भी कोई आपके जैसा प्रतिनिधी...काश ! भारत सरकार में एक भी कोई आपके जैसा प्रतिनिधी होता . कई मस्अलों पर हम 'दोराहे' पर खड़े है.<br /> <br />***एक अगंभीर टिप्पणी भी .....<br /><br />चाहता न था कि पहुंचे कोई 'दृढ-निश्चयी' वहाँ !<br />रस्ते में 'भूतनाथ' ने गुमराह कर दिया,<br />उसकी दुकान चलती है अफवाहों-भरम से,<br />नहला-धुला के 'झील' में, फिर भेज घर दिया !!<br />http://aatm-manthan.comMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37390518864016878312012-04-18T07:39:20.295+05:302012-04-18T07:39:20.295+05:30सही निर्णय ही लक्ष्य तक पहुँचाता है। असमंजस में रह...सही निर्णय ही लक्ष्य तक पहुँचाता है। असमंजस में रहने से अच्छा है कि एक निर्णय लेकर आगे बड़ा जाये। ऐसी दुविधाएँ जीवन में हर क्षण आती रहती हैं।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41810034047928571882012-04-18T07:15:26.740+05:302012-04-18T07:15:26.740+05:30दोराहे पे खड़े हों तो पलटने की बजाय आगे बढ़ने में सम...दोराहे पे खड़े हों तो पलटने की बजाय आगे बढ़ने में समझदारी है ...यह बात अच्छे से आपने समझा दी.Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67539207082948886212012-04-17T23:44:41.442+05:302012-04-17T23:44:41.442+05:30कहते हैं कि अनिर्णय से तो गलत निर्णय अधिक अच्छा रह...कहते हैं कि अनिर्णय से तो गलत निर्णय अधिक अच्छा रहता है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90516077856866884922012-04-17T22:12:21.230+05:302012-04-17T22:12:21.230+05:30दोराहे की दुविधा पर निर्णय लेने का अच्छा उदाहरण।...दोराहे की दुविधा पर निर्णय लेने का अच्छा उदाहरण।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86585672576419749272012-04-17T22:01:43.663+05:302012-04-17T22:01:43.663+05:30शब्द पर अच्छी जानकारी मिली .
संस्कृत के अन्य अर्थ ...शब्द पर अच्छी जानकारी मिली .<br />संस्कृत के अन्य अर्थ पता चले. <br />असमंजस =द्विधा या संशय की स्थिति .<br />इस हिसाब से समंजस = निश्चय की स्थिति ही विचार में थी.यद्यपि समंजस शब्द हिन्दी में प्रयोग होते नहीं देखा था.<br />सामंजस्य का प्रयोग होता है पर उसका अर्थ समन्वय,या अनुकूलता से जुड़ा है . <br />धन्यवाद.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36195477027200168692012-04-17T20:38:30.741+05:302012-04-17T20:38:30.741+05:30अलग अलग पथ सब बतलाते मैं तो यह बतलाता हूँ ..
राह प...अलग अलग पथ सब बतलाते मैं तो यह बतलाता हूँ ..<br />राह पकड़ तू एक चला चल मिल जायगी मधुशाला ..<br />कभी कभी ऐसा भी चरितार्थ होता है ...Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86210392622851733152012-04-17T20:36:14.221+05:302012-04-17T20:36:14.221+05:30किसी भी एक मार्ग पर आगे बढ़ने का निर्णय ही समञ्जस ...किसी भी एक मार्ग पर आगे बढ़ने का निर्णय ही समञ्जस उत्पन्न करता है।<br />जीवन में अनेक ऐसे अवसर आते ही हैंM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.com