tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6397422830953085343..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: एक पूरा छुट्टी का दिन : बहुत दिनों के बाददिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23488868011226680562009-12-14T02:05:50.835+05:302009-12-14T02:05:50.835+05:30ऊँघने में लहू की भूमिका आज पता चली ! विधि के इतिहा...ऊँघने में लहू की भूमिका आज पता चली ! विधि के इतिहास वाली श्रृंखला पूरी हो तो उसका एक पीडीऍफ़ बनाता हूँ. बड़ी अच्छी चल रही है. लैपटॉप से नहीं पढता इसलिए टिपण्णी नहीं कर पा रहा उस पर.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-25259339159907003152009-12-13T19:37:08.911+05:302009-12-13T19:37:08.911+05:30अब सोच रहा हूँ। शनिवार का काम कल जरूर निपटा दूंगा।...<b>अब सोच रहा हूँ। शनिवार का काम कल जरूर निपटा दूंगा। शनिवार का सोचा रविवार को तो करना ही पड़ता है, वरना उस के पीछे एक नया सोमवार खड़ा होता है।</b><br />---------------<br />अच्छा, आप निपटा लेते हैं। हमारे तो कई काम साल दर साल पेण्डिंग हैं। :(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11582551508430359692009-12-13T18:47:24.755+05:302009-12-13T18:47:24.755+05:30ना सहाय कोई देवता, न कोई ईश विमर्श
सारे वक्ता हड़त...ना सहाय कोई देवता, न कोई ईश विमर्श<br />सारे वक्ता हड़ताल पर, है न कोई जज :)<br /><br />चीफ़ जस्टिस ने कहा कि त्वरित न्याय न मिला तो लोग सिविल वार की स्थिति हो जाएगी। और, इधर अधिवक्ता स्ट्रैक पर!!!!चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42583791343978629392009-12-13T10:29:00.531+05:302009-12-13T10:29:00.531+05:30दिल ढूंढता है फुर्सत के दो-चार दिन
बैठे रहे तस्सुव...दिल ढूंढता है फुर्सत के दो-चार दिन<br />बैठे रहे तस्सुवर-ए-जाना किए हुए...<br /><br />प्रार्थना करता हूं हड़ताल जल्दी खत्म हो जानी चाहिए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11656115583921629682009-12-13T09:05:55.564+05:302009-12-13T09:05:55.564+05:30ऐसी अनायास, अनियोजित छट्टी का आनन्द ही कुछ और होत...ऐसी अनायास, अनियोजित छट्टी का आनन्द ही कुछ और होता है। मैं सोचता था, ऐसा मेरे साथ ही होता है। आपने मेरा एकाधिकार भंग कर दिया।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-32601921974886905182009-12-13T08:13:24.862+05:302009-12-13T08:13:24.862+05:30मज़ेदार रहा दिन :-)
बी एस पाबलामज़ेदार रहा दिन :-)<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65273805986918304062009-12-13T07:31:25.555+05:302009-12-13T07:31:25.555+05:30दिन हमारे तयशुदा तरीके से कहां गुजरते हैं ?दिन हमारे तयशुदा तरीके से कहां गुजरते हैं ?उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3766208343269909992009-12-13T04:18:41.763+05:302009-12-13T04:18:41.763+05:30ज्यादा चक्कर में पड़े बिना आपने छुट्टी मना ली, ये ...ज्यादा चक्कर में पड़े बिना आपने छुट्टी मना ली, ये बढ़िया रहा। मेथी का पराठा किस चीज के साथ खाया, ये बताना भूल गए आप। बस, यही जानने की इच्छा रखता है ये कचौरी-भक्त। पूर्व कोटावासी।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71493570122120601602009-12-13T02:23:52.193+05:302009-12-13T02:23:52.193+05:30बीच बीच में ऐसे दिन भी मना लेना चाहिये. हम अक्सर ह...बीच बीच में ऐसे दिन भी मना लेना चाहिये. हम अक्सर ही मौका निकालते हैं ऐसा और साल में एक बार कम से कम एक पूरा सप्ताह!!<br /><br /><br />उर्जा संचयन के लिए आवश्यक है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83145808169999141942009-12-13T02:02:06.060+05:302009-12-13T02:02:06.060+05:30बढ़िया छुट्टी मनाई। मुम्बई आकर पति की छुट्टी का आनन...बढ़िया छुट्टी मनाई। मुम्बई आकर पति की छुट्टी का आनन्द मैं भी ले रही हूँ। इससे पहले तो साल के ३६५ दिन कारखाने को अर्पित होते थे।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com