tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post6069013383067880472..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: न्याय की भ्रूण हत्यादिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42905866812648504402012-06-04T12:16:01.123+05:302012-06-04T12:16:01.123+05:30चूँकि आप वकालात के व्यवसाय में हैं और राजस्थान स...चूँकि आप वकालात के व्यवसाय में हैं और राजस्थान से हैं इसलिए आपने राजस्थान की वास्तविकता विस्तार से बता दी। किन्तु वास्तविकता तो यह है कि सारे प्रदेशों में यही दशा है। आपके बताए मुताबिक जो कुछ किया जाना चाहिए उसके लिए राजनीतिक और प्रशासकीय इच्छा-शक्ति चाहिए। यह किसी के पास नहीं है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80432384703148380772012-05-13T08:08:28.726+05:302012-05-13T08:08:28.726+05:30न्याय पालिका और भारत में न्याय की विसंगतियां पहले ...न्याय पालिका और भारत में न्याय की विसंगतियां पहले दूर हो लें तब तो कोई आशा बनेArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-17263392809223402082012-05-12T12:57:46.783+05:302012-05-12T12:57:46.783+05:30मेरा तो सुझाव है कि आप यह विवरण आमिरखान जी को भेजे...मेरा तो सुझाव है कि आप यह विवरण आमिरखान जी को भेजें और उनसे कहें कि कम से कम गहलोत आपकी बात सुन रहे हैं तो इस दिशा में भी कुछ कसावट लाने का काम करें। <br />याकि स्थानीय स्तर पर किसी चैनल पर इस दशा के बारे में विस्तार से बतियाया जाए। <br />आपकी यह बात भी सही है कि मुद्दे तो उठते हैं लेकिन उन्हें आगे ले जाने के लिए संगठनों को आगे आना होगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67653680256620473042012-05-11T19:26:34.824+05:302012-05-11T19:26:34.824+05:30@अ़जयकुमार झा
बिलकुल मैं आप से सहमत हूँ। मेरा आग्र...@अ़जयकुमार झा<br />बिलकुल मैं आप से सहमत हूँ। मेरा आग्रह तो यह है कि जो लोग राजनैतिक परिवर्तन की दिशा में सोचते हैं उन्हें भी इस अवसर पर काम करने के लिए आगे आना चाहिए। और इस अवसर को स्थापित राजनेताओं को भुनाने देने से बचना चाहिए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-51918965147481388072012-05-11T19:22:35.215+05:302012-05-11T19:22:35.215+05:30हां सर , टिप्पणी पर आपकी प्रतिक्रिया पढी । सच कह र...हां सर , टिप्पणी पर आपकी प्रतिक्रिया पढी । सच कह रहे हैं आप कि इस पूरे घटनाक्रम का एक पहलू ये भी है , किंतु सर यदि एक ऐसे एपिसोड से उन तमाम डाक्टरों को जो कि उस स्टिंग आपरेशन में बेशर्मी से कुकृत्य करते देखे जा रहे हैं , अगर सज़ा हो पाती है या कम से कम शिकायत करने वाले उन पत्रकारों को ये सहूलियत मिल जाती है कि वे एक ही अदालत में उपस्थित होकर गवाही दे सकें तो भी क्या ये कम सार्थक बात होगी । ये देश बहुत बडा है सर , लगभग सवा अरब की जनसंख्या से भी ज्यादा वाला कोई एक व्यक्ति , कोई एक कार्यक्रम , कोई एक मुद्दा , देश को समाज को नहीं बदल सकता लेकिन , छोटे छोटे प्रयासों को शुरू किया जाना और उन्हें समर्थन देना बहुत जरूरी है बिना इसकी परवाह किए कि उसके परिणाम , हानि लाभ क्या कितना होगाअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6829272945887193402012-05-11T19:14:44.783+05:302012-05-11T19:14:44.783+05:30@ अजयकुमार झा
भाई!
आमिर खान ने अपने फ्रेमवर्क में ...@ अजयकुमार झा<br />भाई!<br />आमिर खान ने अपने फ्रेमवर्क में रह कर जो किया है वह प्रशंसनीय है। इस से जनता में जागरूकता पैदा हुई है। सरकारों पर दबाव आया है। लेकिन सरकारें इस का भी लाभ लेना चाहती हैं। आमिर खान के साथ जुड़ कर उन्हें भी प्रचार मिलता है। फिर प्रचार से सब कुछ नहीं हो सकता। प्रचार के बाद लोगों में जाग्रति उत्पन्न होती है उस से लोग कार्य करने को प्रवृत्त होते हैं। प्रश्न यहीं पैदा होता है कि उस कार्य करने की प्रवृत्ति से कार्यकर्ता उत्पन्न हो और अनेक कार्यकर्ताओं के साथ से संगठन उत्पन्न हो। संगठन के लगातार कार्य करने के दौरान कार्यकर्ता तपते हैं और उसी ताप से नेतृत्व उत्पन्न होता है। उस दिशा में कार्य होना आवश्यक है। लेकिन जब गहलोत जैसे मुख्यमंत्री जुड़ते हैं तो उसे अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए भुनाने में देर नहीं करते। नतीजे के तौर पर ग्लेशियर से निकली निर्मल नदी एक नाले में मिल जाती है। <br />आमिर तो पहले ही कह चुके हैं कि वे तो केवल मुद्दे उठा सकते हैं। केवल मुद्दे तो पहले भी उठते रहे हैं। उन मुद्दों के आधार पर जनसंगठन खड़े होना और भविष्य की राजनैतिक शक्ति खड़ी होने की तैयारी करना मुख्य बात है। वर्ना निर्मल नदी को नाला तो होना ही है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-60626430859030243602012-05-11T17:21:16.133+05:302012-05-11T17:21:16.133+05:30एक विधिवेत्ता के रूप में और इत्तेफ़ाकन राजस्थान से ...एक विधिवेत्ता के रूप में और इत्तेफ़ाकन राजस्थान से ही संबंधित होने के कारण इससे बेहतर और इतना विस्तृत कोई और नहीं लिख सकता था सर । आपकी किसी बात से कोई असहमति होने का प्रश्न ही नहीं उठता । कई बातें तो पढ के मैं खुद हैरान हूं कि राजधानी दिल्ली से इतने नज़दीक होते हुए भी अब तक तकनीक के प्रयोग के मामले में राजस्थान इतना मंथर गति रखे हुए है । <br /><br />लेकिन सर , मैं सिर्फ़ एक बात कह रहा हूं आमिर खान के इस कार्यक्रम व प्रस्तुति के लिए , यदि आमिर या इनके जैसा कोई और अभिनेता चाहता और चाहता क्या कर ही रहे हैं तो कोई भी और लटके झटके , ईनाम पहेली जैसा कार्यक्रम बखूबी कर सकता था , पैसा उसमें भी उन्हें मिलना ही था किंतु यदि एक धारावाहिक और धारावाहिक की प्रस्तुति से पूरे देश में कोई सामाजिक मुद्दा बहस का विषय बन जाता है , उस राज्य के प्रशासक भी उस पर कार्यवाही करने को मजबूर हो जाते हैं तो हमें उस प्रसारक , उस कार्यक्रम और उस अभिनेता/अभिनेत्री को निशाने पर लेने से बेहतर है कि अन्य सबको भी इसके लिए प्रेरित किया जाए ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-10831652673987190462012-05-11T12:43:36.122+05:302012-05-11T12:43:36.122+05:30मनभावन लेख.मनभावन लेख.DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/04030809631254208656noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-9532899460100229252012-05-11T05:45:49.438+05:302012-05-11T05:45:49.438+05:30बस मौके पर सस्ती वाह वाही लुट जा रही है होना कुछ भ...बस मौके पर सस्ती वाह वाही लुट जा रही है होना कुछ भी नहीं है|<br />अशोक गहलोत से न्याय की उम्मीद ??<br />१-भंवरी देवी कैसे भी चरित्र वाली थी पर यदि अशोक गहलोत न्यायप्रिय होते तो आज वह जिन्दा होती|<br />२-राजेन्द्र राठौड़ भी अशोक गहलोत की न्यायप्रियता के बावजूद जातिवादी दुष्चक्र में फंस कर जेल में बैठे है|<br />और भी कई उदहारण है जो इस मारवाड़ के गाँधी की न्यायप्रियता दर्शाते है|Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41778269685077490532012-05-10T15:04:13.625+05:302012-05-10T15:04:13.625+05:30चुटकुला कहा है आपने, इससे सहमति है।
आमिर की फैनब...चुटकुला कहा है आपने, इससे सहमति है। <br /><br />आमिर की फैनबाज टीम से बाहर आकर कोई सोचने का कष्ट करना ही नहीं चाहता जल्दी। आपका संकेत कुछ उधर जाता है, बढिया लगा। राजस्थान के न्याय पर कुछ मालूम भी हुआ।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-14073197003254763302012-05-10T12:41:40.734+05:302012-05-10T12:41:40.734+05:30achchha laga...padhkar khushi hui..achchha laga...padhkar khushi hui..Ayodhya Prasadhttps://www.blogger.com/profile/00220293033943017179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3850821580692323832012-05-10T12:21:26.049+05:302012-05-10T12:21:26.049+05:30उम्दा पोस्ट .उम्दा पोस्ट .HAKEEM YUNUS KHANhttps://www.blogger.com/profile/11947101320031096515noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57820366488551475042012-05-10T10:54:30.510+05:302012-05-10T10:54:30.510+05:30बढ़िया जानकारी के लिए आपका आभार भाई जी !बढ़िया जानकारी के लिए आपका आभार भाई जी !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-30556393544161537552012-05-10T10:42:28.300+05:302012-05-10T10:42:28.300+05:30समस्या है, गम्भीर है और किसी एक दिन में नहीं उपजी ...समस्या है, गम्भीर है और किसी एक दिन में नहीं उपजी है। आधार तैयार कर कार्य तुरन्त प्रारम्भ हो जाये। आपराधिक से अधिक सामाजिक सुधार आवश्यक हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16504139319738037332012-05-10T09:32:48.225+05:302012-05-10T09:32:48.225+05:30दिनेश जी, राजस्थान में न्याय व्यवस्था की बुरी स्थि...दिनेश जी, राजस्थान में न्याय व्यवस्था की बुरी स्थिति के इस विस्तृत वर्णन के लिए धन्यवाद. असली बात तो लोगों का मिल कर उठना और स्थिति को बदलने के लिए आवाज़ उठाना है, जब तक वह नहीं होगा, स्थिति को राजनीति वाले अपने आप नहीं बदलेंगे. और जनता में यह ज्ञान और बदलाव की भावना कैसे आयेगी?Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84596953278015192192012-05-10T09:28:40.816+05:302012-05-10T09:28:40.816+05:30very informative i must say
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