tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post5806561744125430621..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: दिमाग पर स्पेस का संकटदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59164003498730552722010-03-13T23:16:29.086+05:302010-03-13T23:16:29.086+05:30मुझे लगता है की दिमाग कभी नहीं थकता जबकि हम खुद उस...मुझे लगता है की दिमाग कभी नहीं थकता जबकि हम खुद उसे ऐसा करने का सुझाव न दें !<br />और आपके पास तो स्पेशल स्पेस है भाई जी ! ;-)Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-79736428717930748992010-03-13T22:32:46.339+05:302010-03-13T22:32:46.339+05:30दिनेश जी माफ़ कीजियेगा पर कम से कम मैं आपसे लगातार...दिनेश जी माफ़ कीजियेगा पर कम से कम मैं आपसे लगातार गम्भीर मुद्दों पर हस्तक्षेप की उमीद करता हूं।Ashok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33647057853672954212010-03-13T19:35:03.086+05:302010-03-13T19:35:03.086+05:30चलिए। अब तक तो आपने खूब आराम भी कर लिया होगा और भर...चलिए। अब तक तो आपने खूब आराम भी कर लिया होगा और भरपूर स्पेस भी प्राप्त कर ली होगी।<br />अब आप भी ताजा दम और हम पढनेवाले भी ताजा दम।<br />आपकी पोस्ट की प्रतीक्षा है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15685952582740352412010-03-13T18:29:52.286+05:302010-03-13T18:29:52.286+05:30हा हा हा सर दिमाग को तो स्पेस मिल भी जाए मगर कम्बख...<i> <b> हा हा हा सर दिमाग को तो स्पेस मिल भी जाए मगर कम्बख्त जब से ये कंप्यूटर लिया है उंगलियां भी स्पेस मांग रही हैं कह रही हैं ...सोच रही हैं ..हाय अभी ये हाल है तो रिटायरमेंट के बाद सोचो अपनी कैसी हालत होने वाली है </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31609346819297085032010-03-13T10:35:17.617+05:302010-03-13T10:35:17.617+05:30सुंदर लिखा आपने .........'जगहें 'बन ही जात...सुंदर लिखा आपने .........'जगहें 'बन ही जाती हैं .सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16837585824883280032010-03-13T08:54:57.107+05:302010-03-13T08:54:57.107+05:30लेकिन स्पेस न होने से वे आकार नहीं ले सकी। उन पर स...लेकिन स्पेस न होने से वे आकार नहीं ले सकी। उन पर सोचने और काम करने का वक्त तो निकाला जा सकता था, लेकिन दिमाग स्पेस दे तब न। अब आज दिमाग को स्पेस मिली है तो वह कुछ भी सोचने से इन्कार कर रहा है। शायद वह भी थकान के बाद आराम चाहता हो।<br /><br />आप शायद सही सोच रहे हैं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88631302340444408022010-03-13T08:49:27.299+05:302010-03-13T08:49:27.299+05:30जब लिपियाँ और प्रतिलिपियाँ स्पेस हथिया ले तो जिन्द...जब लिपियाँ और प्रतिलिपियाँ स्पेस हथिया ले तो जिन्दगी की पेस कम हो जाती है । शीघ्र उबरिये ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-75219918997800296072010-03-13T07:24:41.905+05:302010-03-13T07:24:41.905+05:30आराम करिए फिर बात करते हैंआराम करिए फिर बात करते हैंArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-46692541006746339622010-03-13T05:33:12.738+05:302010-03-13T05:33:12.738+05:30कई बार स्पेस ना होने पर बड़ी क्रिएटिव बातें निकल ...कई बार स्पेस ना होने पर बड़ी क्रिएटिव बातें निकल आती हैं !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-58469885229838984522010-03-13T05:19:29.635+05:302010-03-13T05:19:29.635+05:30स्पेश तो अब 'स्पेश' में भी नही है.स्पेश तो अब 'स्पेश' में भी नही है.M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86257430730919342712010-03-13T03:18:32.523+05:302010-03-13T03:18:32.523+05:30थकी स्पेस में भी काफी जगह निकल आई..अब सुबह उठकर फ्...थकी स्पेस में भी काफी जगह निकल आई..अब सुबह उठकर फ्रेश वाली स्पेस देखने के लिए वर्जिश में लग जाते हैं...शुभकामनाएँ (खुद को)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-4150982275474771162010-03-13T01:07:11.994+05:302010-03-13T01:07:11.994+05:30bas 2 mahine pahle hi mere 3re numbr ke bhatije ko...bas 2 mahine pahle hi mere 3re numbr ke bhatije ko बंगलूरू me job mili hai. aur vah baccha itna sadagipurn hai ki usne apne sallaray ka adhikansh hissa kal hi apne mom dad ko bhijwaya aisi jankari, kal rat 2 baje mujhe mere 3re nmbr k bhatije ne di.<br />to mai ummeed karta hu ki aapke balak ko bhi jyada job hunting ke loche se na gujarna pade, use jald hi job mil jaye isi shubhkamnao ke sathSanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-68479891010283787542010-03-13T00:25:18.587+05:302010-03-13T00:25:18.587+05:30द्विवेदी जी , हमने मनुष्य का जन्म जब लिया हमारे जी...द्विवेदी जी , हमने मनुष्य का जन्म जब लिया हमारे जीवन का एक क्रम उसी समय निर्धारित कर दिया गया । हम सभी उसी निर्धारित क्रम के अनुसार ही अपना जीवन व्यतीत करते हैं और एक दिन इस दुनिया को विदा कह देते हैं । लेकिन हम जैसे कुछ लोग होते ही हैं जो इस निर्धारित क्रम के बीच भी कुछ स्पेस ढूँढ ही लेते हैं और अपना होना सार्थक करते हैं । अब जिस स्थिति का आपने बखान किया है वह एक तात्कालिक स्थिति है और जीवन क्रम में ज़रूरी है । मुझे अपने गुरु कवि भगवत रावत की एक बात याद आ रही है वे कहते थे " यदि कविता लिखते समय मेरी बच्ची दूध के लिये रो रही है तो मैं कविता लिखना बन्द कर सबसे पहले उसके लिये दूध की व्यवस्था करूंगा ।"इस बात से भला कौन असहमत हो सकता है ? <br />चलिये ...शुभरात्रि कहें ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-30414032807779915182010-03-13T00:22:05.178+05:302010-03-13T00:22:05.178+05:30दिनेश जी आप तो बहुत हिम्मत वाले है, यह मेने देखा ह...दिनेश जी आप तो बहुत हिम्मत वाले है, यह मेने देखा है, इस लिये चार पांच मुकदमे भी आप को नही थका सकते, बेटे को जरुर कोई स्थान मिल जायेगा. शुभ रात्रि.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28975339882802507222010-03-13T00:07:40.082+05:302010-03-13T00:07:40.082+05:30बहुत स्पेस घेरकर गुडनाइट किया है जी!बहुत स्पेस घेरकर गुडनाइट किया है जी!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.com