tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post5294567399416370321..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: चांदनी चौक से इंडिया गेटदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-34852681076538426572010-01-05T16:31:38.752+05:302010-01-05T16:31:38.752+05:30बढ़िया लगा आपका यात्रा वृतांत. नववर्ष की मंगलकामना...बढ़िया लगा आपका यात्रा वृतांत. नववर्ष की मंगलकामनायें !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-4046715193088633652010-01-03T22:16:50.073+05:302010-01-03T22:16:50.073+05:30बहुत ही सुन्दर चित्रमय यात्रा संस्मरण.बहुत ही सुन्दर चित्रमय यात्रा संस्मरण.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74164640194224915902010-01-03T21:12:34.582+05:302010-01-03T21:12:34.582+05:30चांदनी चौक और इंडिया गेट की सैर कराने के लिए धन्यव...चांदनी चौक और इंडिया गेट की सैर कराने के लिए धन्यवाद॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63906046901190125992010-01-03T19:28:42.839+05:302010-01-03T19:28:42.839+05:30अच्छा वृत्तांत !अच्छा वृत्तांत !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7542161042439358952010-01-03T18:59:39.259+05:302010-01-03T18:59:39.259+05:30manbhaawan chitra &aalekh
नए साल में हिन्दी ब...manbhaawan chitra &aalekh<br /><br />नए साल में हिन्दी ब्लागिंग का परचम बुलंद हो <br />स्वस्थ २०१० हो <br />मंगलमय २०१० हो <br /><br />पर मैं अपना एक एतराज दर्ज कराना चाहती हूँ <br />सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगर के लिए जो वोटिंग हो रही है ,मैं आपसे पूछना चाहती हूँ की भारतीय लोकतंत्र की तरह ब्लाग्तंत्र की यह पहली प्रक्रिया ही इतनी भ्रष्ट क्यों है ,महिलाओं को ५०%तो छोडिये १०%भी आरक्षण नहींalka mishrahttps://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-62898827821087159722010-01-03T17:54:28.979+05:302010-01-03T17:54:28.979+05:30सुंदर तस्वीरों के साथ दिलचस्प संस्मरण द्विवदी जी.....सुंदर तस्वीरों के साथ दिलचस्प संस्मरण द्विवदी जी...<br /><br />नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-3936015654010684182010-01-03T15:56:11.545+05:302010-01-03T15:56:11.545+05:30वाह जी आप तो दिल्ली दर्शन भी कर गए !वाह जी आप तो दिल्ली दर्शन भी कर गए !Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13638202620587931122010-01-03T15:01:48.383+05:302010-01-03T15:01:48.383+05:30बहुत सहज और रोचक यात्रा वृतांत लगा. शुभकामनाएं.
र...बहुत सहज और रोचक यात्रा वृतांत लगा. शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49861884963137829722010-01-03T14:27:16.363+05:302010-01-03T14:27:16.363+05:30आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए...आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।<br />पिछले ३२ वर्षों में न जाने कितनी बार दिल्ली गई हूँ किन्तु चाँदनी चौक नहीं देखा। बढ़िया विवरण है।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57972535207477857172010-01-03T11:42:38.253+05:302010-01-03T11:42:38.253+05:30.
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आदरणीय द्विवेदी जी,
अपनी इन पोस्टों के माध्य....<br />.<br />.<br />आदरणीय द्विवेदी जी,<br />अपनी इन पोस्टों के माध्यम से बड़ी रोचक 'दिल्ली की सैर' करा दी आपने।<br />आभार व नव वर्ष की शुभकामनायें।प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88751086307053712412010-01-03T09:19:05.572+05:302010-01-03T09:19:05.572+05:30दीनेश भाई जी
इस से पहले की प्रविष्टी भी बढ़िया ...दीनेश भाई जी <br />इस से पहले की प्रविष्टी भी बढ़िया लगी थी और ये भी ...<br />सौ. भाभी जी को नमस्ते और चि. पूर्वा को स्नेह व प्यार <br />और एक बार पुन: <br />आपके समस्त परिवार को , नव - वर्ष की मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं भी प्रेषित कर रही हूँ <br />बहुत स्नेह सहीत ,<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-48483467989748990952010-01-03T08:05:05.501+05:302010-01-03T08:05:05.501+05:30वाह सर हम होते तो एक आध फ़ोटो में तो घुस ही आते और...<i>वाह सर हम होते तो एक आध फ़ोटो में तो घुस ही आते और सबसे मिल भी लेते , खैर दिल्ली कोटा कौन दूर है । बिटिया ने एक फ़ोटो में वो जो हवा मिठाई गुलाबी वाली पकड रखी है वो जरूर आपके हिस्से की होगी । वो कब उडाई आपने ये रह गया , बाकी तो मजेदार रहा , और रोचक भी । हमेशा की तरह , हां बीडी पीने वाले का सुन कर दुख हुआ और अफ़सोस भी मगर सर यदि आप वहां कचरा फ़ेंकने वाले लोगों को देखते खा पी कर सब वहीं फ़ेंक देने वालों को तो आपको दुख नहीं होता बल्कि गुस्सा आता । अफ़सोस कि नागरिक कानून लोगों को इसके लिए बाध्य नहीं कर पाया है । मजेदार यात्रा वर्णन...</i>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84246966549722835662010-01-03T07:46:43.069+05:302010-01-03T07:46:43.069+05:30सरल सह्ज लेखन में रोचक संस्मरण
चित्र वाकई अच्छे आए...सरल सह्ज लेखन में रोचक संस्मरण<br />चित्र वाकई अच्छे आए हैं<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35540079671943768372010-01-03T07:31:43.123+05:302010-01-03T07:31:43.123+05:30रिक्षा या आटो रिक्षा
रिक्शा या ऑटो रिक्शा ....
]आप...रिक्षा या आटो रिक्षा<br />रिक्शा या ऑटो रिक्शा ....<br />]आप तो सपरिवार इस कड़ाके की ठण्ड में खूब घूम लिए दिल्ली ,अपुन के लिए तो दिल्ली दूर है इस कड़ाके की ठंडक में ......Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23629765709033694182010-01-03T03:29:19.790+05:302010-01-03T03:29:19.790+05:30अच्छा लगा घुमक्कड़ी वृत्तांत। दिल्ली तो सबके पुरखो...अच्छा लगा घुमक्कड़ी वृत्तांत। दिल्ली तो सबके पुरखों की सरजमीं है, सो वहां कभी कभार पहुंचने पर कितना भी पैदल चलना पड़े तो उसे गवारा करना ही पड़ता है। आखिर दिल्ली जिन्होने भी फतह की, पैदल चल कर ही की। हमें भी दिल्ली में पैदल भटकियां लगाने में मजा आता है। <br />इस संदर्भ में आज के हुक्मरानों की चर्चा छेड़ कर आपकी पोस्ट के आनंद से भरे मूड को खराब नहीं करना चाहूंगा। <br />वल्लभगढ़ के भी कुछ हाल हाल लिखियेगा।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52962369549097148602010-01-03T02:15:42.745+05:302010-01-03T02:15:42.745+05:30बहुत सुंदर लगा आप का यह विवरण, हम भी वेसे तो पेदल ...बहुत सुंदर लगा आप का यह विवरण, हम भी वेसे तो पेदल बहुत कम चलते है, लेकिन जब कही घुमने जाये तो ऊत्सुकता के साथ साथ हमे लालच भी होता है कि हम कम समय मै सब देख ले, ओर इसी चक्कर मै सारे दिन मै हम १०, २० किलो मीटर घुम आते है, फ़िर घर आते ही सब से पहले आराम करते है, चित्र भी बहुत सुंदर लगे, आप दोनो को नमस्ते बिटिया को प्यारराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82138579740031811382010-01-03T00:13:33.592+05:302010-01-03T00:13:33.592+05:30बहुत सुन्दर चित्रमय यात्रा संस्मरण |भाभीजी को नमस्...बहुत सुन्दर चित्रमय यात्रा संस्मरण |भाभीजी को नमस्कार बिटिया को आशीर्वाद |<br />नववर्ष कि बधाई |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.com