tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post4794287626538220045..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: महालक्ष्मी ताऊपने के बिना एकत्र क्यों नहीं होती? : जनतन्तर कथा (36)दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84395070402268821962012-11-13T11:06:42.869+05:302012-11-13T11:06:42.869+05:30ताऊपना तो आजकल हर जगह चाहिए बिना ताऊपने के तो जीना...ताऊपना तो आजकल हर जगह चाहिए बिना ताऊपने के तो जीना भी दूभर हो गया है !!Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42709292584467205162012-09-22T14:30:58.188+05:302012-09-22T14:30:58.188+05:30 आप की पोस्ट में व्यक्त सकारात्मक विचारों-जन सरोका... आप की पोस्ट में व्यक्त सकारात्मक विचारों-जन सरोकारों और श्रमजीवियों की पक्षधरता-व्यक्त प्रेरक-प्रोत्साहक-सार्थक विचारों को साला-दिल से.<br />आप का दोस्त-स्नेहाधीन,<br />जन कवि डा. रघुनाथ मिश्र (मेरे ६४वें जन्मदिन २३/०९/१२ की पूर्व संध्या पर)मेर दिल से निकले उदगार-उपहार पुष्प के रूप में स्वीकार करें. DrRaghunath Mishr 'Sahaj'https://www.blogger.com/profile/06962719107023118224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65003551782393201332009-05-30T21:17:45.111+05:302009-05-30T21:17:45.111+05:30अभिषेक ओझा,
इस तरह से पलायन करने से प्रश्न पीछा न...अभिषेक ओझा, <br />इस तरह से पलायन करने से प्रश्न पीछा नहीं छोड़ते. बहस तो करनी ही होगी. हो सकता हैं हम एक-दूसरे को अपने पक्ष में न जीत पायें लेकिन एक वर्ग दृष्टिकोण तो पैदा हो ही जायेगा.शहीद भगत सिंह विचार मंच, संतनगरhttps://www.blogger.com/profile/15974638576824560477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39213609862968721852009-05-30T09:55:06.843+05:302009-05-30T09:55:06.843+05:30प्रेम से बोलो जय हो ताऊपने की।प्रेम से बोलो जय हो ताऊपने की।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38630244983376984842009-05-30T09:19:03.666+05:302009-05-30T09:19:03.666+05:30काफ़ी अच्छी तरह लिखा है जी आपने, बहुत ही रोचक रूप ...काफ़ी अच्छी तरह लिखा है जी आपने, बहुत ही रोचक रूप दे दिया है आपने,काशिफ़ आरिफ़/Kashif Arifhttps://www.blogger.com/profile/09323578684464948830noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86516914051067414482009-05-30T06:28:23.988+05:302009-05-30T06:28:23.988+05:30बहुत ज्ञान वर्धक !
आखिर महापंचायत में ये ३०० करोड़...बहुत ज्ञान वर्धक !<br />आखिर महापंचायत में ये ३०० करोड़पति महाताऊ ही तो है |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38560113084958747452009-05-30T02:47:26.826+05:302009-05-30T02:47:26.826+05:30श्रम करो और "श्री " से वर पाओ - बहुत सुँदर आख्यान ...श्रम करो और "श्री " से वर पाओ - बहुत सुँदर आख्यान रहा दीनेश भाई जी <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35899411307796780112009-05-30T00:34:50.419+05:302009-05-30T00:34:50.419+05:30ऐसा क्यूँ लगता है कि मरकस बाबा के सैद्धांतिक ज्याद...ऐसा क्यूँ लगता है कि मरकस बाबा के सैद्धांतिक ज्यादा थे व्यवहारिक कम? <br />और ऐसा क्यूँ लगता है कि मरकस बाबा के अनुयायी धार्मिक कट्टरपंथियों की तरह उनकी कहीं गयी बातों से थोडा भी इधर उधर नहीं सोचते ?<br />और भी कई बातें दिमाग में चल रही हैं. पर विवाद का डर है ! तो बोलो! हरे नमः, गोविन्द, माधव, हरे मुरारी.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52063206878257885412009-05-29T20:54:00.159+05:302009-05-29T20:54:00.159+05:30"ताऊ लोग जहाँ अधिक से अधिक अतिरिक्त मूल्य प्राप्त ..."ताऊ लोग जहाँ अधिक से अधिक अतिरिक्त मूल्य प्राप्त कर अपने लिए और अधिक महालक्ष्मी पर आधिपत्य चाहते हैं, वहीं श्रमजीवी जनता इस महालक्ष्मी से अपने भाग का आशीर्वाद चाहती है।"<br /><br /><br />"यहाँ आपका इशारा "श्रमजीवियों" और "ताऊओं" के बीच शाश्वत टकराव से है.<br />हमारी शंका ;<br />क्या कोई तीसरा (यहाँ राज्य) भी है जो इस टकराव में ज़ज की भूमिका निभाता है और उसका अस्तित्व तब तक है जब तक यह टकराव बना रहता है ? अर्थात राज्य की भूमिका या सार्थकता उस प्राइमरी कक्षाओं की दो झगडालू बिल्लियों के बीच बन्दर की भूमिका के सिवाय और कुछ नहीं है ? <br /><br />कथा के इस संवाद का पिछला वाक्य "श्रमजीवी जनता इस महालक्ष्मी से अपने भाग का आशीर्वाद चाहती है।"<br />हमारी दूसरी शंका ;<br />"अपने भाग का आशीर्वाद" परिमाण में कितना चाहती है ?शहीद भगत सिंह विचार मंच, संतनगरhttps://www.blogger.com/profile/15974638576824560477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37239242555848169242009-05-29T19:26:37.754+05:302009-05-29T19:26:37.754+05:30आखिर सत्य तो सत्य होता है.:)
बोलो! हरे नमः, गोवि...आखिर सत्य तो सत्य होता है.:)<br /><br /><br />बोलो! हरे नमः, गोविन्द, माधव, हरे मुरारी .....<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81596382533126605892009-05-29T19:25:41.238+05:302009-05-29T19:25:41.238+05:30बड़ी तकनीकी पोस्ट है यह। सूत जी हार्वर्ड हो आये या ...बड़ी तकनीकी पोस्ट है यह। सूत जी हार्वर्ड हो आये या जे.एन.यू.? :DGyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86312889027706282862009-05-29T17:45:55.385+05:302009-05-29T17:45:55.385+05:30सत्य वचन महराज .सत्य वचन महराज .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39123773555086879612009-05-29T16:38:13.372+05:302009-05-29T16:38:13.372+05:30Sundar upyogee prasang ko aapne bada hee rochak ro...Sundar upyogee prasang ko aapne bada hee rochak roop de diya...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-69480364230120480662009-05-29T16:15:27.361+05:302009-05-29T16:15:27.361+05:30सूत जी ने, मरकस बाबा की बातों को बहुत सरल शब्दों ...सूत जी ने, मरकस बाबा की बातों को बहुत सरल शब्दों में और संक्षिप्त में बयान कर दिया। उम्मीद है अब लोगों को समझ आ गया होगा कि महालक्ष्मी ताऊपने के बिना क्यों उत्पन्न नहीं होती...संदीपhttps://www.blogger.com/profile/01871787984864513003noreply@blogger.com