tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post4449801199816759681..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: इस हत्या के हत्यारे को सजा कैसे हो? और क्या हो?दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13046587026554119472010-03-29T00:01:03.693+05:302010-03-29T00:01:03.693+05:30आपने सवाल उठाया और आप ही ने जवाब भी दे दिया। इस वृ...आपने सवाल उठाया और आप ही ने जवाब भी दे दिया। इस वृक्ष की हत्या के अपराधी वे सब लोग हैं जो नीम को सीमेण्ट से जकड दिए जाने के बाद भी देखते रहे। एक ने भी जहमत नहीं उठाई कि सीमेण्ट की जकडन को दूर कर दिया जाए।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52803034722058979442010-03-28T22:01:20.148+05:302010-03-28T22:01:20.148+05:30हर्ष और चैतन्य की स्कूल के पास एक तिराहे पर बहुत स...हर्ष और चैतन्य की स्कूल के पास एक तिराहे पर बहुत सारे पेड़ हैं। एक नीम का पेड़ जो कि गली के मुहाने पर है,के नीचे सिमेन्ट से बरसों एक गोल कमरा सा बना हुआ है। जिसमें पानी पूड़ी और भेल की स्टॉल चलती है। <br />कमरा बनाने वले ने इस बात का ध्यान रका कि पेड़ को कोई तकलीफ ना हो। यानि छत पर भी उतनी जगह छोड़ी दी थी। <br />पिछले महीने अचानक ही उस कम से कम ४० फुट के बरसों पुरने नीम के पेड़ को काट दिया गया। मेरा मन उस पेड़ को काटने पर बहुत "छीजा"। पर मैं कुछ नहीं कर पाया।<br />बहुत दुख होता है इस तरह पेड़ के कट जाने या सूख जाने पर।सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-40012335289519252882010-03-28T11:05:08.079+05:302010-03-28T11:05:08.079+05:30सीमेंट की परत से ढकी जा रही शहरी जमीनों पर खड़े पे...सीमेंट की परत से ढकी जा रही शहरी जमीनों पर खड़े पेड़ों की यह त्रासदी आए दिन व्यथित करती है। पढ़े-लिखे लोगों की देखरेख में यह जघन्य काम होता देख कर दुख होता है।अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-55950175639635761222010-03-28T03:33:12.354+05:302010-03-28T03:33:12.354+05:30इस आलेख के सम्मुख :
1. हो सकता है, भाई लोग इस पेड़ ...<i><br />इस आलेख के सम्मुख :<br />1. हो सकता है, भाई लोग इस पेड़ को ताड़े हों, और लकड़ी से निकलने वाले पटरों का बँटवारा तक हो चुका हो ।<br />2. यदि निर्माण से पहले ही एक ट्री-गार्ड लगाया गया होता, तो उतनी परिधि सीमेन्ट से ढके होने से बच जाती ।<br />3. भाड़े के टट्टू इतना दिमाग नहीं रखते, और ऎसे पक्केकरण का कार्य का निरीक्षण करना इंजीनियर साहब के गरिमा के प्रतिकूल हो ।<br />4. ठेकेदार का अपने पेमेन्ट लेने का पक्का इरादा, कार्य सँपादन में दूरदृष्टि का अभाव, यदि यह निर्माण मार्च में निपटाया गया हो, तो सुभान-अल्लाह !<br />एक सुझाव : <br />सँबन्धित अधिकारी को ज्ञापन देकर खानापूर्ति की अपेक्षा, यदि बार काउँसिल के कुछ वरिष्ठ सदस्य अपनी देखरेख में पेड़ के तने से दो फुट त्रिज्या की व्यास को उखड़वा दें, और उसमें मोटी मौरंग भरवा दें, ताकि वह अपने सार्वजनिक पीकदान बनाये जाने की स्थिति को झेल सके !<br /></i>डा० अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09556018337158653778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-29162394655054235872010-03-27T23:54:44.202+05:302010-03-27T23:54:44.202+05:30अरे बाप रे.... छोटी छोटी बाते न्हमारे इन ठेके दारो...अरे बाप रे.... छोटी छोटी बाते न्हमारे इन ठेके दारो के दिमाग मै क्यो नही आती, हमारे यहां आप जब शहर मै जाये तो आप को चारो ओर पक्की सिमेंट की ओर कारतोल से बनी सडके ही मिलेगी,लेकिन हरियाली चारो ओर दिखेगी, १०० साल पुराने पेड भी ओर उन की देख भाल भी बहुत होती है, जब सीमेंट की पटरी बनती है तो पेड के आस पास की जमीन खाली छोडी जाती है, ओर समय समय पर उन को पानी खाद भी दिया जाता है, साथ साथ मै उन्हे सर्दी से बचाने के लिये सर्दियो मै खास कर लपेता भी जाता है, ओर किसी के आंगन मै या खेत मै किसी का चाहे अपना पेड हो उसे काटना सख्त मना है,भारत मै अन्य बातो पर तो हम विदेशियो की खुब नकल करते है, लेकिन ऎसी बातो पर हम नकल क्यो नही करते.<br />दिनेश जी आप इस नीम को अब भी बचा सकते है, ब्स इस के आस पास की जमीन से उस ककंईट की सफ़ाई करवा दे, यह नीम अगले साल फ़िर सॆ ठीक हो सकता है,<br />बहुत ही जागरुक लेख लिखा आप ने, काश भारत मै बहुत से लोग आप की तरह सोच रखे तो हम देश का कितना फ़ायदा कर सकते है.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91766361111516144502010-03-27T23:39:59.231+05:302010-03-27T23:39:59.231+05:30वकील साहब, किसी पेड को काटो तो सजा हो सकती है लेकि...वकील साहब, किसी पेड को काटो तो सजा हो सकती है लेकिन किसी हरे पेड को सुखाकर पीला कर्ने पर कोई सजा नही होती.<br />डा कुवर बेचैन याद आते है - <br /><br />मौत के मारे हुए को तो कई कान्धे मिले<br />क्य कभी बैठे हो पल भर बक्त के मारे के साथAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-83665127003619921342010-03-27T23:20:00.815+05:302010-03-27T23:20:00.815+05:30सर इस मामले में कम से कम हमारी कडकडडूमा अदालत परिस...<i> <b> सर इस मामले में कम से कम हमारी कडकडडूमा अदालत परिसर काफ़ी धनी है ..हालांकि नए भवनों के निर्माण की सुगबुगाहट ने वहां भी अतिक्रमण तो शुरू हो ही चुका है ..मैं भी कुछ तस्वीरें लगाता हूं वहां की शायद आपको पसंद आए </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39743135499779430752010-03-27T23:09:38.284+05:302010-03-27T23:09:38.284+05:30छोटी छोटी बातें कितना मायने रखती हैं
बी एस पाबला...छोटी छोटी बातें कितना मायने रखती हैं<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-30248104979391474162010-03-27T23:07:00.906+05:302010-03-27T23:07:00.906+05:30विल्कुल सही कदम..
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http://laddoospeaks.blogspot...विल्कुल सही कदम..<br />.<br />.<br />http://laddoospeaks.blogspot.com/कृष्ण मुरारी प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00230450232864627081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84401194947590181162010-03-27T22:57:16.076+05:302010-03-27T22:57:16.076+05:30जघन्य अपराध । दिमाग लगाने से वृक्ष बचाया जा सकता थ...जघन्य अपराध । दिमाग लगाने से वृक्ष बचाया जा सकता था ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com