tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post4435464794064147121..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: संतानें पिता के नाम से ही क्यों पहचानी जाती हैं?दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger40125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31433867384762993662009-09-05T18:47:31.758+05:302009-09-05T18:47:31.758+05:30गहरे और उलझे हुए मुद्दे को इतने सरल तरीके से रखा ज...गहरे और उलझे हुए मुद्दे को इतने सरल तरीके से रखा जा सकता है, यह आपके लेखन से सीखने जैसा है. आपकी तमाम पोस्टें प्रेरक होती है. बहुत शुभकामनाएं.Atmaram Sharmahttps://www.blogger.com/profile/11944064525865661094noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-32503451894264989392009-09-05T10:10:33.695+05:302009-09-05T10:10:33.695+05:30कल काम से कहीं गयी थी इस लिये जन्मदिन की बधाई लेट ...कल काम से कहीं गयी थी इस लिये जन्मदिन की बधाई लेट हो गयी कहीं सारी बर्फी खत्म तो नहीं कर दी इन कम्मेन्ट करने वालों ने ? बहुत बहुत बधाई सुख,समृ्द्धिीऔर चिरायू के लिये शुभकामनायें<br />आपका तर्क तो सह्हे है मगर क्या ये जरूरी है कि बस कह देने से ये सत्य मान लिया जाये कि ये पुत्र उसी पिता का है जिस का नाम मा ने लिया है क्या ये पुरुश के लिये केवल आत्मसंतुश्टि वाला भाव नहीं या उसके अहं बचा रहता है पुरुश प्रधान समाज ने एक भी हक औरत के पास नहीं रहने दिया कि जिस चीज़ का प्रमाण उसके पास है उसको भी उसके नाम से नहीं बस पुरुश के नाम से जाना जाये जिसका कि उसके पास कोई सबूत भी नहीं होता[ खैर आज कल तो सबूत भी मिल सकता है{DNA Test} से। पिता का नाम देना केवल पुरुश प्रधान अहं की संतुश्टी मात्र है। माफ करें ये मेरे विचार किसी की भावनाओं को आहत करने के लिये नहीं mहैं वर्ना उस समय औरत की भावनायें भी आहत होती हैं जब परिवार के लिये अपना जीवन होम कर देने के बाद भी उसे लगता है कि संतान भी पिता की है ।ुसके नाम क्या है? आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-72294723169206246942009-09-05T09:28:08.382+05:302009-09-05T09:28:08.382+05:30सुरक्षा की भावना रही होगी... पुरुष सबल और नारी अबल...सुरक्षा की भावना रही होगी... पुरुष सबल और नारी अबला की धारणा पुरानों और स्मृतियों में मोजूद है. <br />आज भी समाज में मां बहन की गालियाँ सहज स्वीकार हैं.... लेकिन "तेरे बाप का है क्या? "शब्दों से आम व्यक्ति उबल पड़ता है....<br />खैर, स्थितियां बदल रहीं हैं.... <br />अच्छे विषय पर विचार विमर्श के लिए <br />आभार.. <br />आपका जन्म सार्थक हो ...बहुत-बहुत बधाई....रामकुमार अंकुशhttps://www.blogger.com/profile/01532826001976862972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-70963864530900727052009-09-05T02:03:49.995+05:302009-09-05T02:03:49.995+05:30द्विवेदी सर
जन्मदिन की हार्दिक बधाई
vennus kesari...द्विवेदी सर<br />जन्मदिन की हार्दिक बधाई<br /><br />vennus kesariवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45494365625242677122009-09-04T23:05:05.384+05:302009-09-04T23:05:05.384+05:30द्विवेदी जी जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। जहां ...द्विवेदी जी जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। जहां तक मुझे पता है द्विवेदी जी आज कल तो स्कूल के फ़ार्म में मां का नाम भी लिखा जाता है और सिर्फ़ मां का नाम भी चल जाता है। वैसे आप का लोजिक तो सही हैAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86348458632866622402009-09-04T19:44:44.959+05:302009-09-04T19:44:44.959+05:30बिलकुल सही बात -प्रमाणित तो पिता को ही करना है !बिलकुल सही बात -प्रमाणित तो पिता को ही करना है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11734192902204227312009-09-04T19:33:27.447+05:302009-09-04T19:33:27.447+05:30जन्मदिन पर शुभकामनाएँ....जन्मदिन पर शुभकामनाएँ....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81271461545595612672009-09-04T19:30:02.782+05:302009-09-04T19:30:02.782+05:30आपका कारण तो सही है पर एक सिंपल कारण तो है पुरुष प...आपका कारण तो सही है पर एक सिंपल कारण तो है पुरुष प्रधान समाज.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63703478905352433652009-09-04T19:00:14.753+05:302009-09-04T19:00:14.753+05:30अगर संतान खराब निकल जाए तो लोग माँ से दोषपूर्ण प्र...अगर संतान खराब निकल जाए तो लोग माँ से दोषपूर्ण प्रश्न करते हैं- ’क्या खायके पैद किया तूने इसे?’ पिता का नाम डूब जाता है।प्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63744413829839834192009-09-04T18:57:38.299+05:302009-09-04T18:57:38.299+05:30जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई.. इतिहास पढ्ते वक्त पढ...जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई.. इतिहास पढ्ते वक्त पढा था कि दक्षिण भारतीय इतिहास मेम बहुत से <br />राजवंश तक माता के नाम से जाने जाते थे..जैसे<br />सातकर्णी वंश ...के राजा ..मसलन गौतमी पुत्र शातकर्णी....अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-17581565351908715312009-09-04T18:52:24.823+05:302009-09-04T18:52:24.823+05:30जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-62047787289350717702009-09-04T16:50:03.022+05:302009-09-04T16:50:03.022+05:30बधाई जी जन्म दिन की।
बाकी, संतान अगर नालायक हो त...बधाई जी जन्म दिन की। <br /><br />बाकी, संतान अगर नालायक हो तो नाम तो बाप का ही बोरती है न! :(Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90635761111811736462009-09-04T16:24:48.040+05:302009-09-04T16:24:48.040+05:30आपका कहना सही है. इस बारे में सोचता था तो यही समझ ...आपका कहना सही है. इस बारे में सोचता था तो यही समझ में आया था संतान किस नारी की है अथवा माँ कौन है यह तो जन्म देने की प्रक्रिया से पता चल जायेगा पर उस संतान के लिए गर्भधारण के लिए कौन उत्तरदायी है इसका प्रमाण रखने के लिए ही यह व्यवस्था बने गई थी की नारी को उसकी संतान के पिता का नाम बताना होता है. जो भी मित्र अपना पक्ष रख रहे हैं उनसे अनुरोध है कि सही उत्तर के लिए आज के बदले हुए विश्व, समय, सोच, मूल्य, नियमों, बदली हुई स्थितियों के परिप्रेक्ष्य में सोचने के बजाय प्राचीनकालीन समय के सन्दर्भ तथा परिदृश्य में सोचने का प्रयास करे. तब की सामाजिक संरचना, नैतिक मूल्यों का महत्व, सामाजिक नियमों का गठन होने की प्रक्रिया, पारिवारिक संस्था के नियमन हेतु वैचारिक विनिमय, विवाह के नियमों का आरंभिक काल और उसके कारण उपज रही स्थितियों में शायद यह निर्णय तत्समय सार्थक, प्रभावी, उपयोगी, नियामक, नियंत्रक लगा होगा.एक स्वतन्त्र नागरिकhttps://www.blogger.com/profile/12076990707024302030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91143146366397790702009-09-04T15:36:39.191+05:302009-09-04T15:36:39.191+05:30पुरुष प्राधान समाज होना ही इसका कारण है.पुरुष प्राधान समाज होना ही इसका कारण है.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59649371815424013542009-09-04T13:53:11.404+05:302009-09-04T13:53:11.404+05:30अब तो डी एन ए का ज़माना है:)
जन्मदिन की अनेकानेक ...अब तो डी एन ए का ज़माना है:)<br /><br />जन्मदिन की अनेकानेक बधाइयाँ॥चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-60657665357474526142009-09-04T13:52:42.884+05:302009-09-04T13:52:42.884+05:30सब से पहले आप को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई.
आप क...सब से पहले आप को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई. <br />आप की बात से १००% सहमत हू, वेसे हमारे यहां लिखत मै तो किसी का नाम आता ही नही, सिर्फ़ जन्म दिन ओर परिवार का नाम ही आता है,राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38809471878172826162009-09-04T11:49:25.344+05:302009-09-04T11:49:25.344+05:30संतानों का अपने पिता के नाम से पहचाने जाने का सिर्...संतानों का अपने पिता के नाम से पहचाने जाने का सिर्फ एक ही कारण नजर आता है और वह है हमारे समाज का पुरुष प्रधान होना। देखा जाए तो भावनात्मक रूप से पुत्र अपनी माता से अधिक जुड़ा होता है और इसी प्रकार से पुत्री अपने पिता से। किसी को ताव दिलाने के लिए <b>"माई का लाल"</b> और <b>"बाप की बेटी"</b> कहना भी इसी कारण से है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16051342186053769982009-09-04T11:26:37.714+05:302009-09-04T11:26:37.714+05:30जानकारी भरी पोस्ट
आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाईजानकारी भरी पोस्ट <br /><br />आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाईप्रकाश गोविंदhttps://www.blogger.com/profile/15747919479775057929noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88375602891195236462009-09-04T10:47:02.823+05:302009-09-04T10:47:02.823+05:30ज्ञानवर्धक पोस्ट, आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाईज्ञानवर्धक पोस्ट, आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाईCreative Manchhttps://www.blogger.com/profile/06744589000725201971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45331824648860579562009-09-04T10:28:51.719+05:302009-09-04T10:28:51.719+05:30जानकारी अच्छी रही उसके लिए धन्यवाद..
साथ ही साथ जन...जानकारी अच्छी रही उसके लिए धन्यवाद..<br />साथ ही साथ जन्मदिन की बधाई भी देना चाहूँगा..<br />बधाई!!विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11623282538710305872009-09-04T10:16:35.399+05:302009-09-04T10:16:35.399+05:30अब तो माता पिता दोनों का नाम लिखा जाता है मैं भी इ...अब तो माता पिता दोनों का नाम लिखा जाता है मैं भी इसी बात से सहमत हूँ की जो अधिक जाना पहचाना होगा उसी से बच्चे भी जाने जायेंगे और उस से बेहतर है की बच्चे अपनी पहचान खुद से ही बनाए ..जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई आपकोरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7765514899023083922009-09-04T10:13:59.411+05:302009-09-04T10:13:59.411+05:30रोचक प्रकरण है। अपना मत शाम को देता हूँ। अभी ऑफ़िस ...रोचक प्रकरण है। अपना मत शाम को देता हूँ। अभी ऑफ़िस की जल्दी है। आपका जवाब बढ़िया रहा।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13734743791793942072009-09-04T10:13:54.278+05:302009-09-04T10:13:54.278+05:30जन्मदिन पर शुभकामनाएँ!
आजकल माँ और पिता दोनों का न...जन्मदिन पर शुभकामनाएँ!<br />आजकल माँ और पिता दोनों का नाम चलता है। <br />परंपरा से पिता का नाम ही चल रहा है जैसा दूसरी टिप्पणियों में इंगित किया गया है।<br />पिता का नाम या पति का नाम। यह सिर्फ़ लड़की के साथ वरना लड़के के नाम के साथ पत्नी का नाम क्यों नहीं। फिर वही लोजिक पुरुष-सता! <br />माँ का नाम लिखने पर समाज परिवार की असमिता पर प्रश्न करने लगता है। माँ को ग़लत समझने की भूल करता रहता है। <br />परिवर्तन पहल की मांग करता है।प्रेमलता पांडेhttps://www.blogger.com/profile/11901466646127537851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-79194837550232030822009-09-04T10:12:58.392+05:302009-09-04T10:12:58.392+05:30जन्मदिन की अनेक शुभकामनाएँ.जन्मदिन की अनेक शुभकामनाएँ.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-40948094559706918962009-09-04T09:52:08.138+05:302009-09-04T09:52:08.138+05:30ghost buster ki baat hi mai likhne vali thii...raj...ghost buster ki baat hi mai likhne vali thii...rajeev gandhi indra gandhi ke naam se jane jaate hain..aise aur bhi kayi udaharan hain...vaisey koi farq nahi padta is baat se...BACCHEY MAA PITA KE SANJHE HOTE HAIN...janamdin ki badhayii aapkoपारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.com