tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post3650692761172133268..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: यह शोक का वक्त नहीं, हम युद्ध की ड्यूटी पर हैंदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-2764365322362516622008-11-29T10:35:00.000+05:302008-11-29T10:35:00.000+05:30भारत के ख़िलाफ़ छेड़ी गई इस जंग को,हम सब को मिल कर...भारत के ख़िलाफ़ छेड़ी गई इस जंग को,<BR/>हम सब को मिल कर लड़ना है,<BR/>सेना हमारे साथ है,<BR/>सरकार नहीं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10037139497461799634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67682020520264605692008-11-28T19:08:00.000+05:302008-11-28T19:08:00.000+05:30सीधी...सपाट लेकिन ज़मीर जगातीप्रस्तुति. युद्ध में ...सीधी...सपाट लेकिन ज़मीर जगाती<BR/>प्रस्तुति. युद्ध में कविता चाहे न हो<BR/>पर आपकी अपील में <BR/>आतंक के अंत तक <BR/>एक जुझारू कलम गो की आत्मा तो <BR/>बोल ही रही है न !...<BR/>यह सचमुच<BR/>दायित्व बोध की रचना है...आवाज़ है<BR/>पुकार है...इसे नाम चाहे जो भी दें !!<BR/>=============================<BR/>आभार<BR/>डॉ.चन्द्रकुमार जैनDr. Chandra Kumar Jainhttps://www.blogger.com/profile/02585134472703241090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71004648232056133372008-11-28T19:07:00.000+05:302008-11-28T19:07:00.000+05:30एक एक शब्द से सहमत हूँ द्रिवेदी जी.......एक एक शब्द से सहमत हूँ द्रिवेदी जी.......डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-33296946999287277212008-11-28T14:28:00.000+05:302008-11-28T14:28:00.000+05:30आदरणीय द्विवेदी जी /सही कहा आपने वास्तव में ये एक ...आदरणीय द्विवेदी जी /सही कहा आपने वास्तव में ये एक कविता नहीं है और वास्तव में ही हर चौराहे पर चपकने लायक है /यह आपकी कविता नहीं वर्तमान के रणक्षेत्र की गीता है /इस कविता को मैं कहा सकता हूँ "अक्षर अक्षर गीता ,कविता बनी पुनीता ""sanjay jainhttps://www.blogger.com/profile/01051574076894142525noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43732851518906255042008-11-28T09:27:00.000+05:302008-11-28T09:27:00.000+05:30" आज शायद सभी भारतीय नागरिक की ऑंखें नम होंगी और ..." आज शायद सभी भारतीय नागरिक की ऑंखें नम होंगी और इसी असमंजस की स्थति भी, हर कोई आज अपने को लाचार बेबस महसूस कर रहा है और रो रहा है अपनी इस बदहाली पर ..."ईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .seema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-77044744005336142792008-11-28T08:44:00.000+05:302008-11-28T08:44:00.000+05:30ॐ शान्तिः।कोई शब्द नहीं हैं...।बस...।ॐ शान्तिः।<BR/><BR/>कोई शब्द नहीं हैं...।<BR/>बस...।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65977638760285384602008-11-28T06:56:00.000+05:302008-11-28T06:56:00.000+05:30अब समय आ गया है कि देश का प्रधानमन्त्री नरेन्द्र म...अब समय आ गया है कि देश का प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को, राष्ट्रपति लालकृ्ष्ण आडवाणी को, रक्षामन्त्री कर्नल पुरोहित को, और गृहमन्त्री साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बना दिया जाय।<BR/>लावण्या जी और मलय की बात से पूरी सहमति !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35407845773885952102008-11-28T06:53:00.000+05:302008-11-28T06:53:00.000+05:30दिनेश जी आपकी बात बिल्कुल सही है यह कविता नही रण क...दिनेश जी आपकी बात बिल्कुल सही है यह कविता नही रण का उदघोष है -आपके जज्बे को सलाम कि इतनी जल्दी अपने को संभाल लिया !.मैं तो बिल्कुल विषणण मन और किंकर्त्वयविमूढ़ सा हो उठा हूँ -कई कारण हैं .हम क्या सचमुच इतने कमजोर हैं ? इतने जाहिल, भ्रष्ट और निकम्मे ? क्या ऐसी शर्मनाक घटना कि चंद असलहे लिए लोग भारत पर आक्रमण कर दें और हम अभी तक उनसे निपट नही पाये ? हम अपने ही एक भाई बन्धु बेसहारा के आक्रोश को प्वाइंट ब्लैंक से गोली मारकर खामोश कर देते हैं और जब सचमुच बहादुरी दिखाने का अवसर आता है तो भेड़ बकरियों की तरह ढेर हो जाते हैं ! इस ब्लाग जगत में हिन्दू और मुसलमान आतंकवाद पर बौद्धिक विमर्श होता रहता है और असलियत एक बहुत ही घिनौने और भयावह रूप में सहसा ही प्रगट हो उठती है ! और हमें स्तब्ध कर जाती है ! यही है हमारी तैयारी दुश्मनों से निपटने की ? इसी सरकार और सैन्य व्यवस्था पर हमें नाज है ? हमारी चौहद्दी कितनी महफूज है ? आज समय है आत्मान्वेषण की ...मौन रहकर कुछ कड़े संकल्पों की ! अभी बस !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-9620430106204308532008-11-28T02:37:00.000+05:302008-11-28T02:37:00.000+05:30आपने बहुत सही लिखा है। जन-जन की एकता और जागृति से ...आपने बहुत सही लिखा है। जन-जन की एकता और जागृति से जंग जीती जा सकती है।राष्ट्र आह्ववान<BR/>का वक्त आ गया है।संगीता-जीवन सफ़रhttps://www.blogger.com/profile/07000522720886636317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-29607730138322410382008-11-28T02:11:00.000+05:302008-11-28T02:11:00.000+05:30हार्दिक श्रद्धांजली मेरे उन शहीद भाईयो के लिये जो ...हार्दिक श्रद्धांजली मेरे उन शहीद भाईयो के लिये जो हमारी ओर हमारे देश की आबरु की रक्षा करते शहीद हो गये।लेकिन मन मै नफ़रत ओर गुस्सा अपनी निकाम्मी सरकार के लियेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-2096604100166566082008-11-28T00:07:00.000+05:302008-11-28T00:07:00.000+05:30उन्होंने जंग में भारत को हरा दिया है.अपने ड्राइंग ...<A HREF="http://saamyiki.blogspot.com/" REL="nofollow">उन्होंने जंग में भारत को हरा दिया है.<BR/>अपने ड्राइंग रूम में बैठ कर भले ही कुछ लोग इस बात पर मुझसे इत्तेफाक न रखे मुझसे बहस भी करें लेकिन ये सच है उन्होंने हमें हरा दिया, ले लिया बदला अपनी.... </A>अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/15543660911213576071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-12703181976372261012008-11-27T23:46:00.000+05:302008-11-27T23:46:00.000+05:30अब तो हद ही हो गयी। कुछ क्रान्तिकारी कदम उठाना चाह...अब तो हद ही हो गयी। कुछ क्रान्तिकारी कदम उठाना चाहिए। कुछ भी...।<BR/><BR/>अब समय आ गया है कि देश का प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को, राष्ट्रपति लालकृ्ष्ण आडवाणी को, रक्षामन्त्री कर्नल पुरोहित को, और गृहमन्त्री साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बना दिया जाय। सोनिया,मनमोहन,शिवराज पाटिल,और प्रतिभा पाटिल को अफजल गुरू व बम्बई में पकड़े गये आतंकवादियों के साथ एक ही बैरक में तिहाड़ की कालकोठरी में बन्द कर देना चाहिए। अच्छी दोस्ती निभेगी इनकी। <BR/><BR/>इनपर रासुका भी लगा दे तो कम ही है।Malayahttps://www.blogger.com/profile/00391978161610948618noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43355889360808829412008-11-27T21:52:00.001+05:302008-11-27T21:52:00.001+05:30लिखा आपने, हम सबका मन ।लिखा आपने, हम सबका मन ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45036989852494878452008-11-27T21:52:00.000+05:302008-11-27T21:52:00.000+05:30बिल्कुल सही कहा!बिल्कुल सही कहा!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02796724527805204183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44015130801100432152008-11-27T21:44:00.000+05:302008-11-27T21:44:00.000+05:30आप सही कह रहे हैं । घुघूती बासूतीआप सही कह रहे हैं । <BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84085864143973427782008-11-27T21:17:00.000+05:302008-11-27T21:17:00.000+05:30सबकी एक ही चिंता है ! इस संगीन घड़ी में होश नही खो...सबकी एक ही चिंता है ! इस संगीन घड़ी में होश नही खो देना चाहिए ! पहले के आतंकवादी हमलो और आज के हमलो में जमीन आसमान का फर्क है ! हम पर बार बार आंतकवादी हमले होते हैं , चार दिन बाद हम भूल जाते हैं जैसे कुछ हुआ ही ना हो ! अगर हमें इज्जत से जीना है तो हमारे आकाओं को "राष्ट्रपति बुश" जैसे ही सख्त कदम उठाने होंगे ! जैसा की माननीया लावण्या जी ने भी इंगित किया है ! और इसमे कई लोगो को अडचन भी खड़ी होगी ! हो सकता है मेरी टिपणी यहाँ आज के माहौल में अतिशयोक्ति पूर्ण लगे ! पर आप यकीन रखिये हम चार दिन बाद ही इस आंतकवादी हमले या युद्ध को भी भूल जाने वाले हैं ! और फ़िर जब नया हमला होगा तब फ़िर यही सब दोहराया जायेगा !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-18610047805187743672008-11-27T20:49:00.000+05:302008-11-27T20:49:00.000+05:30याद रहे एक भी आंसूछलके नहीं आँख से, तब तकजब तक जार...<B>याद रहे एक भी आंसू<BR/>छलके नहीं आँख से, तब तक<BR/>जब तक जारी है युद्ध।<BR/>आंसू जो गिरा एक भी, तो<BR/>शत्रु समझेगा, कमजोर हैं हम।</B><BR/>सहमत हूँ!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-34572235965268801442008-11-27T20:41:00.000+05:302008-11-27T20:41:00.000+05:30चित्र लगा कर हम अपनी एक जुटता का परिचय दे रहे ...चित्र लगा कर हम अपनी एक जुटता का परिचय दे रहे हैं , ये शोक हैं आक्रोश हैं , हम एक जुट होगे तभी बदल सकेगेAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-25795922321415118912008-11-27T20:27:00.000+05:302008-11-27T20:27:00.000+05:30दो ही रास्ते हैं -१. शोक करते रहो और मरते रहो२. वि...दो ही रास्ते हैं -<BR/>१. शोक करते रहो और मरते रहो<BR/>२. विद्रोह करो और जिंदा रहो<BR/><BR/>च्वाइस आपकी?<BR/><BR/>राजा अगर नपुंसक हो तो उसकी प्रजा का यही हश्र होता है, प्रजा को अगर जिंदा रहना है तो उसे ऐसे नपुंसक राजा और उसकी नपुंसक सेना दोनों के खिलाफ विद्रोह कर उन्हें गद्दी से हटा देना चाहिये।Tarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23480695919262484422008-11-27T20:10:00.000+05:302008-11-27T20:10:00.000+05:30अमरीकाके राष्ट्रपति बुश से यहाँ की जनता भी नाराज ह...अमरीकाके राष्ट्रपति बुश से यहाँ<BR/> की जनता भी नाराज है <BR/>परँतु एक ही सही काम किया उन्होँने और वह था आतँकवाद को <BR/>धिक्कारने का ! <BR/>अब भी ना चेते भारतवासी तो कब ? हरेक नागरिक को मुँबई पर हमले को निजी हमला है ये जान कर<BR/>प्रतिकार,<BR/> सामना और सामूहिक और सबल प्रयास करना जरुरी है -<BR/> जिनकी जानेँ गईँ,<BR/> ईश्वर उनके परिवार को शक्ति देँ -<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43505644241336717752008-11-27T20:06:00.000+05:302008-11-27T20:06:00.000+05:30इस संकट की घड़ी में एकजुटता सबसे बड़ा संबल हैइस संकट की घड़ी में एकजुटता सबसे बड़ा संबल हैroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.com