tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post333081646337049046..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: हम सभी उस धर्म से/ मिल कर कहें अब अलविदा 'कविता' महेन्द्र 'नेह'दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-10262857030939910992009-10-12T19:45:54.567+05:302009-10-12T19:45:54.567+05:30आ. नेह जी की रचना उत्कृष्ट है
काश -
के अमन कायम ह...आ. नेह जी की रचना उत्कृष्ट है <br />काश -<br />के अमन कायम हो पाए <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-58341337792407519422009-10-11T23:50:58.756+05:302009-10-11T23:50:58.756+05:30आह...नेह साब की ये अप्रतिम कविता की तारीफ़ में कुछ ...आह...नेह साब की ये अप्रतिम कविता की तारीफ़ में कुछ कहना हैसियत से ऊपर की बात होगी...<br /><br />बिल्कुल सही समय पर लगाया है आपने इस अद्भुत कविता को, द्विवेदी जी !गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-19424420671633196402009-10-11T20:26:30.027+05:302009-10-11T20:26:30.027+05:30सही है, अंततः तो एक मानव धर्म का उदय होगा ही!सही है, अंततः तो एक मानव धर्म का उदय होगा ही!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-51114956915786774872009-10-11T10:01:02.257+05:302009-10-11T10:01:02.257+05:30क्या गज़ब की प्रस्तुती है। आपसे एक प्रार्थना है कि ...क्या गज़ब की प्रस्तुती है। आपसे एक प्रार्थना है कि नेह जी की ये कविता हर ब्लाग पर छपनी चाहिये। अगर नेह जी इजाजत दें और मुझे ये कविता भेज सकें तो मैं इसे अपने ब्लाग पर जरूर लगना चाहूँगी तकि इसे अधिक से अधिक पाठक पढ सकें आउर ब्लाग पर चल रहे झगडे के बारे मे सोचें । ये हीरा तराश कर लाये हैं आप नेह जी को बहुत बहुत बधाई और आपका धन्यवाद आपके जवाब का इन्तज़ार रहेगा।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-32596940825802556732009-10-11T10:00:59.898+05:302009-10-11T10:00:59.898+05:30क्या गज़ब की प्रस्तुती है। आपसे एक प्रार्थना है कि ...क्या गज़ब की प्रस्तुती है। आपसे एक प्रार्थना है कि नेह जी की ये कविता हर ब्लाग पर छपनी चाहिये। अगर नेह जी इजाजत दें और मुझे ये कविता भेज सकें तो मैं इसे अपने ब्लाग पर जरूर लगना चाहूँगी तकि इसे अधिक से अधिक पाठक पढ सकें आउर ब्लाग पर चल रहे झगडे के बारे मे सोचें । ये हीरा तराश कर लाये हैं आप नेह जी को बहुत बहुत बधाई और आपका धन्यवाद आपके जवाब का इन्तज़ार रहेगा।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-48371190611043937232009-10-11T10:00:56.744+05:302009-10-11T10:00:56.744+05:30क्या गज़ब की प्रस्तुती है। आपसे एक प्रार्थना है कि ...क्या गज़ब की प्रस्तुती है। आपसे एक प्रार्थना है कि नेह जी की ये कविता हर ब्लाग पर छपनी चाहिये। अगर नेह जी इजाजत दें और मुझे ये कविता भेज सकें तो मैं इसे अपने ब्लाग पर जरूर लगना चाहूँगी तकि इसे अधिक से अधिक पाठक पढ सकें आउर ब्लाग पर चल रहे झगडे के बारे मे सोचें । ये हीरा तराश कर लाये हैं आप नेह जी को बहुत बहुत बधाई और आपका धन्यवाद आपके जवाब का इन्तज़ार रहेगा।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38146884527893772422009-10-10T10:03:15.808+05:302009-10-10T10:03:15.808+05:30हम तो अलविदा कह दें वकील साब मगर बाकियों का क्या क...हम तो अलविदा कह दें वकील साब मगर बाकियों का क्या किजियेगा?इंसान पैदा हुयें है,इंसान तो ढंग से बन नही पाये और………………।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54761418879579971202009-10-10T04:58:35.983+05:302009-10-10T04:58:35.983+05:30अच्छी बात की आपने .. ऐसे धर्म का क्या फायदा .. ज...अच्छी बात की आपने .. ऐसे धर्म का क्या फायदा .. जो मन को ही कसैला कर दे !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-15944028109018023692009-10-09T23:19:39.112+05:302009-10-09T23:19:39.112+05:30ये लीजिए...
अभी-अभी तो महेन्द्र नेह जी से अपने ब्ल...ये लीजिए...<br />अभी-अभी तो महेन्द्र नेह जी से अपने ब्लॉग पर निबट कर आया...यहां भी वे वही विराज रहे हैं..<br /><br />एक उम्दा गीत...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-47137996939066317512009-10-09T19:37:46.749+05:302009-10-09T19:37:46.749+05:30हम तो बाय बाय कर लेंगे लेकिन वह जो गले पड़ रहा है?...हम तो बाय बाय कर लेंगे लेकिन वह जो गले पड़ रहा है?P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-75969081247230271162009-10-09T19:01:35.176+05:302009-10-09T19:01:35.176+05:30आमीन !आमीन !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-12166201758807611332009-10-09T17:53:51.148+05:302009-10-09T17:53:51.148+05:30धर्म जो गुजरात बनाता हो, धर्म जो अयोध्या बनाता हो,...धर्म जो गुजरात बनाता हो, धर्म जो अयोध्या बनाता हो, धर्म जो प्रज्ञा हो आओ धर्म को तिलांजलि दें.खुर्शीद अहमदhttps://www.blogger.com/profile/01882880436798441385noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-29304830450673878732009-10-09T14:16:34.070+05:302009-10-09T14:16:34.070+05:30बहुत सुंदर कविता कही, अति सुंदर भाव, धर्म तो हमे इ...बहुत सुंदर कविता कही, अति सुंदर भाव, धर्म तो हमे इंसान बनाने के लिये बनाया गया था, ओर हम ने धर्म को ही रोंद डाला, जिन मासुंमओ कि इज्जत लुट जाती है उन से पुछो धर्म , जिन बच्चो के मां बाप बिछड जाते है, उन से पुछो धर्म.... नही ऎसे धर्म से अच्छा तो हम आम इंसान ही बने रहे.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86293685634011351312009-10-09T12:51:55.990+05:302009-10-09T12:51:55.990+05:30रचना बहुत अच्छी है ....रचना बहुत अच्छी है ....परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-68056114215980735932009-10-09T08:24:18.554+05:302009-10-09T08:24:18.554+05:30जो धर्म इंसानियत का जज्बा न जगाए...जो धर्म इंसान क...जो धर्म इंसानियत का जज्बा न जगाए...जो धर्म इंसान को इंसान से लड़ाए...वो धर्म नहीं अधर्म है...उसे मानने से तो नास्तिक होना ही भला...<br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-48452130630948460132009-10-09T07:45:21.152+05:302009-10-09T07:45:21.152+05:30पिछले सप्ताह से अस्वस्थता के कारण ब्लाग पोस्ट पढ न...पिछले सप्ताह से अस्वस्थता के कारण ब्लाग पोस्ट पढ नही पाया हूं. पिछले दो दिनों में जो कुछ कहा गया है वह पिछली पोस्ट पढकर फ़िर कमेंट करुंगा.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-52808539024691901882009-10-09T06:26:48.311+05:302009-10-09T06:26:48.311+05:30सच है ऐसे धर्म को बाय बाय करना ही होगा !सच है ऐसे धर्म को बाय बाय करना ही होगा !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.com