tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post3246143013703051693..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: आतंकवाद के विरुद्ध प्रहारदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44601578427155342132011-07-20T11:31:48.552+05:302011-07-20T11:31:48.552+05:30आँख तरेरे वाली पसन्द आई।
दरारें और पैबंद में पाँ...आँख तरेरे वाली पसन्द आई। <br /><br />दरारें और पैबंद में पाँचवीं पंक्ति में मुसलमां होना चाहिए।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65668644801856694602009-01-04T23:42:00.000+05:302009-01-04T23:42:00.000+05:30व्यक्ति का नियन्त्रण स्वयम् से आगे तनिक भी नहीं...व्यक्ति का नियन्त्रण स्वयम् से आगे तनिक भी नहीं है। इसलिए यह स्वाभाविक है कि कोई भी शुरुआत स्वयम् से ही की जा सकती है।<BR/>इस बात को जानते और समझते तो सब हैं किन्तु मानने को तैयार नहीं हैं। यही हमारी सबसे बडी समस्या है।<BR/>ज्ञानजी ने सटीक टिप्पणी की है। भावाकुलता के अतिरेकी क्षणों में आपने प्रशंसनीय और अनुरकणीय संयमित प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-39864215723459039102008-11-30T03:49:00.000+05:302008-11-30T03:49:00.000+05:30सामयिक व स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।सामयिक व स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44161677295608984412008-11-30T01:31:00.000+05:302008-11-30T01:31:00.000+05:30ये वक्त हैअपनी ओर झाँकने औरयुद्धरत होने काआओ संभाल...ये वक्त है<BR/>अपनी ओर झाँकने और<BR/>युद्धरत होने का<BR/><BR/>आओ संभालें<BR/>अपनी अपनी ढालें<BR/>और तलवारें <BR/>--हर एक को सतर्क रह कर ख़ुद अपनी रक्षा का भार लेना होगा.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65517300616055269322008-11-29T18:53:00.000+05:302008-11-29T18:53:00.000+05:30द्विवेदी जी, मुझे किसी कवि-सम्मलेन में सुनी पंक्ति...द्विवेदी जी, मुझे किसी कवि-सम्मलेन में सुनी पंक्तियाँ याद आ रही हैं. "अगर एक बार भी देश ने इस्लामाबाद की ओर सफ़ेद कबूतरों की जगह गुरु गोविन्द सिंह के बाज छोड़े होते तो आज आलम कुछ और होता."कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra)https://www.blogger.com/profile/03965888144554423390noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67921695111643504522008-11-29T18:47:00.000+05:302008-11-29T18:47:00.000+05:30आप काफी संतुलित रहे अपनी प्रतिक्रिया में। अच्छा है...आप काफी संतुलित रहे अपनी प्रतिक्रिया में। अच्छा है, व्यर्थ का उबाल क्या कर लेगा?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-24392006828674363262008-11-29T17:36:00.000+05:302008-11-29T17:36:00.000+05:30धन्यवादधन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-88134617847814285722008-11-29T11:45:00.000+05:302008-11-29T11:45:00.000+05:30हां ये बात सही है कि शुरुआत खुद से होनी चाहिये।हां ये बात सही है कि शुरुआत खुद से होनी चाहिये।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35173965488591461072008-11-29T11:00:00.000+05:302008-11-29T11:00:00.000+05:30युद्ध खत्म हो गया है ! राज ठाकरे बिल से बाहर आगया...युद्ध खत्म हो गया है ! राज ठाकरे बिल से बाहर आगया है ! अब जनता को दिलासा देने के लिए शान्ति मार्च और मोमबती युद्ध की तैयारियां करनी है ! <BR/><BR/>@Arvind Mishraa ji कहीं कुछ हुआ था क्या ? <BR/><BR/>इब रामराम !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44614724423397251582008-11-29T08:56:00.000+05:302008-11-29T08:56:00.000+05:30किस बात का शोक?कि हम मजबूत न थेकि हम सतर्क न थे......किस बात का शोक?<BR/>कि हम मजबूत न थे<BR/>कि हम सतर्क न थे....kya hum satark the?पारुल "पुखराज"https://www.blogger.com/profile/05288809810207602336noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-35741659383873372012008-11-29T08:15:00.000+05:302008-11-29T08:15:00.000+05:30sharm to insan karte hain ye to moti khal wale... ...sharm to insan karte hain ye to moti khal wale... hain narayan narayanगोविंद गोयल, श्रीगंगानगर https://www.blogger.com/profile/04254827710630281167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21598640369556992932008-11-29T07:25:00.000+05:302008-11-29T07:25:00.000+05:30यह समय है कश्मीरी आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों पर बिना ...यह समय है कश्मीरी आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों पर बिना समय गवाए पूरी शक्ति के साथ सैन्य कार्यवाही का ! एक मुक्तिवाहनी सेना के हस्तक्षेप की !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-82596732706653693082008-11-29T07:20:00.000+05:302008-11-29T07:20:00.000+05:30"आओ संभालेंअपनी अपनी ढालेंऔर तलवारें "लोहे की तलवा..."आओ संभालें<BR/>अपनी अपनी ढालें<BR/>और तलवारें "<BR/><BR/>लोहे की तलवार, काठ की ढाल ?<BR/><BR/>मन थोडा सांत्वना के घूँट पीने लगा. धन्यवाद.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.com