tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post3129314536332456770..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: कहाँ है अब्दुल करीम तेलगी? उसे बुलाओ !दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63313240259186269732008-12-20T01:52:00.000+05:302008-12-20T01:52:00.000+05:30रेलवे स्टेशन पर टिकटों की बिक्री वाली प्रणाली को प...रेलवे स्टेशन पर टिकटों की बिक्री वाली प्रणाली को प्रयोग करके सभी अदालतों के लिये स्टाम्प पेपर की बिक्री का एक सेंट्रल नेटवर्क नहीं बनाया जा सकता क्या ? <BR/><BR/>सभी बिक्री सेंटर कम्प्यूटर से जुडे रहेगें और इससे होने वाली कमाई का भी बेहतर प्रबन्धन हो सकेगा ।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85620001116000306532008-12-18T12:48:00.000+05:302008-12-18T12:48:00.000+05:30आपने तो 'एक तीर में दो शिकार' कर दिए । स्टाम्प प...आपने तो 'एक तीर में दो शिकार' कर दिए । स्टाम्प प्रणाली की दुरुहता और अव्यावहारिकता तो उजागर की ही 'फाइल की मोटाई दूर से देख कर ही जज रीडर को उस की तारीख बदलने को बोलेगा' जैसी बात लिख कर न्यायाधीशों की मानसिकता और न्याय प्रणाली की नंगी हकीकत भी उजागर कर दी ।<BR/>एडेसिव स्टाम्प लगाने और फ्रेंकिंग का विकल्प निस्सन्देह विचारणीय है । मेरी जानकारी के अनुसार, सम्पत्तियों के पंजीयन प्रकरणों में, मध्य प्रदेश में फ्रंकिंग की व्यवस्था कर दी गई है ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84287033121112684542008-12-17T18:33:00.000+05:302008-12-17T18:33:00.000+05:30एक दो साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक योजना...एक दो साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक योजना शुरू की गई थी जिसमे फीस जमा करके ऑनलाइन स्टाम्प पेपर जैसी व्यवस्था थी. उस व्यवस्था के बारे में जितना हमें पता चला था उस हिसाब से वो योजना न सिर्फ़ नकली स्टाम्प पेपर की परेशानी ख़त्म करती थी बल्कि कागजों की बचत को भी बढावा देती थी .<BR/>अभी उस योजना का क्या हुआ पता नहीroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13374717349910281322008-12-17T11:37:00.000+05:302008-12-17T11:37:00.000+05:30इससे करारा तमाचा सरकार के लिये और क्या होगा। बहुत ...इससे करारा तमाचा सरकार के लिये और क्या होगा। बहुत सही लिखा आपने।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21727495914834647322008-12-17T04:52:00.000+05:302008-12-17T04:52:00.000+05:30सुब्रमन्यन जी और ताऊ से सहमत हूँ - अदालतों में इस ...सुब्रमन्यन जी और ताऊ से सहमत हूँ - अदालतों में इस तरह के शुल्क के लिए फ्रैंकिंग मशीन या उसके किसी विकल्प का प्रयोग होना ही चाहिए. वरना अदालत के बैंक खाते में जमा करके रसीद लगाने जैसी कोई व्यवस्था हो.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-54347192632545344402008-12-17T01:57:00.000+05:302008-12-17T01:57:00.000+05:30ताऊ के सुझाव पर गौर करने, और इसको आगे बढ़ाये जाने क...<I><BR/> ताऊ के सुझाव पर गौर करने, और इसको आगे बढ़ाये जाने की ज़रूरत है !<BR/>आख़िर ताऊ किसका है, हुँह ?</I>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59772131123373392682008-12-17T00:56:00.000+05:302008-12-17T00:56:00.000+05:30लगता है हम आज भी लकीर कै फ़कीर है, अरे एक रुपये कै ...लगता है हम आज भी लकीर कै फ़कीर है, अरे एक रुपये कै कागज से काम चल सकता है, बाकी फ़ीस के रुप मे रुपये पेसे लेलेने चाहिये ओर एक रसीद काफ़ी है.<BR/>जान कारी के लिये धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36800900563284791292008-12-17T00:37:00.000+05:302008-12-17T00:37:00.000+05:30इन्टरनेट का युग आ गया पर ये पुराने तौर तरीके आज भी...इन्टरनेट का युग आ गया पर ये पुराने तौर तरीके आज भी हर सरकारी कामकाज पर कुँडली मारे बैठे हैँ और प्रगति रोके हुए हैँ कोई तो उपाय हो ताकि २१ वी सदी का आगमन हो पाये --<BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-61565784917460211712008-12-16T23:04:00.000+05:302008-12-16T23:04:00.000+05:30सही मुद्दा उठाया है। वैसे सिध्दार्थ जी से ले लिजिय...सही मुद्दा उठाया है। वैसे सिध्दार्थ जी से ले लिजिये, खुद ही बता रहे हैं कि उनके यहाँ ज्यादा स्टॉक है :) अच्छी पोस्ट।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41311416680743954622008-12-16T22:02:00.000+05:302008-12-16T22:02:00.000+05:30एक विचारोत्तेजक मुद्दा उठाया है हमारी बहरी और अंधी...एक विचारोत्तेजक मुद्दा उठाया है हमारी बहरी और अंधी सरकार के सामने - पर क्या करें, वह न पढ़ सकते हैं न सुन सकते है। तो वही बात हुई ना- भैंस के आगे बीन.... या फिर, कह सकते है -हमारी सरकार ‘पेन्नी वाइज़, पौंड फूलिश’ को सार्थक कर रही है।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81474443542618021342008-12-16T21:13:00.000+05:302008-12-16T21:13:00.000+05:30तेलगी साहब इस काम को सिर्फ़ पांच प्रतिशत खर्च मे न...तेलगी साहब इस काम को सिर्फ़ पांच प्रतिशत खर्च मे निपटा सकते हैं ! और उसमे से भी करोडों रुपये कमा लेंगे :)<BR/><BR/>वैसे फ़्रेन्किन्ग मशीन का उपयोग क्यों नही किया जा रहा है ? यह समझ से बाहर की बात है !<BR/>आदमी अपना दावा लिख कर लेजाये और उन पर देय कोर्ट फ़ीस चुका कर स्टाम्पिन्ग करवा ले !<BR/><BR/>राम राम !ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-34543379610581909102008-12-16T20:52:00.000+05:302008-12-16T20:52:00.000+05:30यह शुद्ध रूप से लचर प्रबन्धन का उदाहरण है। यहाँ उत...यह शुद्ध रूप से लचर प्रबन्धन का उदाहरण है। यहाँ उत्तर प्रदेश के कोषागारों में तो इसकी उल्टी समस्या है। सरकार स्टाम्प से होने वाली आय को बढ़ाने के लिए इतना जोर लगाती है कि कोषागारों की स्टॉक क्षमता से अधिक स्टाम्प की आपूर्ति सेक्योरिटी प्रेस के डिपो से करा दी जाती है। <BR/><BR/>सभी कोषागारों और उपकोषागारों में जनता को सीधी बिक्री के लिए काउन्टर खोले गये हैं। जहाँ से मुद्रित मूल्य पर कोई भी इन्हें अपनी जरूरत के डिनोमिनेशन का स्टाम्प खरीद सकता है। स्टाम्प वेन्डरों को भी अधिक से अधिक स्टाम्प लेने के लिए दबाव बनाया जाता है।<BR/><BR/>सरकार रोज इससे होने वाली आय को बढ़ाने के लिए जोर लगाती है। सरकारी अधिकारी भी लक्ष्य पूरा करने के लिए चिन्तित रहते हैं। कभी कभी तो डिपो से जबरिया इतना स्टाम्प आ जाता है कि रखने के लिए स्थान कम पड़ जाता है यहाँ।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/15057775263127708035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28626039065254059262008-12-16T19:56:00.000+05:302008-12-16T19:56:00.000+05:30अच्छा, तेलगी जी ने बहुत देश सेवा करी थी। उन्हें पर...अच्छा, तेलगी जी ने बहुत देश सेवा करी थी। उन्हें पर्यावरण मित्र तो घोषित किया जाना चाहिये।<BR/>कुछ और समाधान निकलना चाहिये स्टाम्प पेपर का।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65698226592722398962008-12-16T19:27:00.000+05:302008-12-16T19:27:00.000+05:30पेड़ों के बारे में आपने इतना सोचा और पुण्य का कार्...पेड़ों के बारे में आपने इतना सोचा और पुण्य का कार्य किया अन्यथा किसे फिकर है. हमने सुना था कि फ्रांकिंग मशीन का प्रयोग कहीं हो रहा है. स्टंप पेपर छापने की जगह चिपकाने वाले (हाइ वॅल्यू) स्टंप लागू कर दें तो बर्बादी काफ़ी रुक जाएगी. आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.com