tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post3114843304277270345..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: डेज़ी तुम्हें आखिरी सलाम! तुम बहुत, बहुत याद आओगी!दिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57871705846511625522009-10-25T08:27:06.853+05:302009-10-25T08:27:06.853+05:30आप सभी की संवेदनाओं, सहानूभूति, प्रार्थना, सांत्वन...आप सभी की संवेदनाओं, सहानूभूति, प्रार्थना, सांत्वना से हमारे परिवार को एक अनहोनी से उबरने हेतु संबल मिला।<br />आभार आप सभी का।<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-34481616561195908042009-10-24T01:15:14.465+05:302009-10-24T01:15:14.465+05:30:-(
i am sad to read this ..........
पाबला जी और ...:-( <br />i am sad to read this ..........<br />पाबला जी और आप के घर परिवार के सभी उतने ही दुखी होंगें के जितना प्यारी डेजी के बारे में <br />पढ़कर हम सभी को जितना दुःख हुआ है -- ईश्वर उसे अपनी रोशनी में बुला लें -- <br />विनीत,<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16171484099635993032009-10-23T19:13:06.830+05:302009-10-23T19:13:06.830+05:30डैज़ी के जाने का पढ़कर बहुत दुख हुआ। पाबला जी व उनक...डैज़ी के जाने का पढ़कर बहुत दुख हुआ। पाबला जी व उनके परिवार के साथ मेरी शोक संवेदनाएँ।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16321321888431801902009-10-23T18:30:36.323+05:302009-10-23T18:30:36.323+05:30http://krishnakumarmishra.blogspot.com/2008/10/blo...http://krishnakumarmishra.blogspot.com/2008/10/blog-post_05.htmlDudhwa Livehttps://www.blogger.com/profile/13090138404399697848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74009253229004594572009-10-23T17:04:40.813+05:302009-10-23T17:04:40.813+05:30जब मुझे इस बारें मैं पता पड़ा तो मेरी आखें भी नम ह...जब मुझे इस बारें मैं पता पड़ा तो मेरी आखें भी नम हो गयी | डेसी के बारें मैं जितना कहा जाये वो कम हैं |जब मैं पाबला अंकलजी के यहाँ ट्रेनिंग के लिए गया था तब मुझे उससे काफी डर लगा पर ३-४ दिन मैं ही उसने मुझे एक अच्छे दोस्त का अनुभव करा दिया | उसे भूल पाना मेरे लिए ही नहीं बल्कि उससे जुड़े हुए हर इन्सान के लिए नामुमकिन हैं |Vaibhav Rai Dwivedihttps://www.blogger.com/profile/14670825624210826555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91743195867844774892009-10-23T16:46:24.354+05:302009-10-23T16:46:24.354+05:30पालतू जानवर तो बच्चे के समान होता है। उसके कारण तो...पालतू जानवर तो बच्चे के समान होता है। उसके कारण तो हम अपनी कुछ असुविधाओं को भी नज़र अंदाज़ कर देते हैं। डेज़ी के जाने से पाबलाजी के घर में जिस शोक का वातावरण होगा, उसे महसूस किया जा सकता है, शब्दों में नहीं बाधा जा सकता। ईश्वर डेज़ी की आत्मा को शांति प्रदान करें और पाबला परिवार को धैर्य।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-77578937916651422352009-10-23T14:53:59.407+05:302009-10-23T14:53:59.407+05:30बहुत दुख हुया हमारी संवेदनायें आपके और पावला जी के...बहुत दुख हुया हमारी संवेदनायें आपके और पावला जी के साथ हैं। पालतू जामवर तो अपने बच्चों के समान ही होते हैं। किसी की दिवालि उस बेचारी की मौत बन गयी। हम तब भी नहीं समझते। अभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38803389289541009042009-10-23T00:24:04.044+05:302009-10-23T00:24:04.044+05:30एकदम से भावुक कर देनेवाली पोस्ट .. जब दो तीन दिनो...एकदम से भावुक कर देनेवाली पोस्ट .. जब दो तीन दिनों की भेंट के बाद उसके नहीं रहने की सूचना से आलेख में आपका दर्द यूं उभरकर आ गया है .. तो सचमुच पाबलाजी के परिवार का क्या हाल होगा .. समझ सकती हूं !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-41373594978757341692009-10-23T00:09:29.053+05:302009-10-23T00:09:29.053+05:30दीवाली के दूसरे दिन मैने ब्लॉग " एक सवाल तुम ...दीवाली के दूसरे दिन मैने ब्लॉग " एक सवाल तुम करो " पर यह सवाल किया था आप पटाखे चलाने वालों को मना क्यो नही करते ? आप मूक जानवरों से पूछेंगे तो नही पर वे आप्को ज़रूर बतलायेंगे कि उन्हे क्या तकलीफ होती है पटाखों से । देखिये डेज़ी ने अपने प्राण देकर यह बता दिया ना ?अब किसे इस बात के लिये दोष दिया जाय ? आज शाम पाबला जी से बात हुई ।अस्पताल में भरती माताजी के पास वे बैठे थे उनका दुख उनकी तरह कोई कैसे जानेगा डेज़ी तो उनके परिवार की एक सदस्य थी । फिर मैने द्विवेदी जी से बात की । हम मनुष्य हैं पशुओं की हत्या करना अपनी शान समझते है यह तो परोक्ष है हम तो प्रत्यक्ष हत्याएँ करते है इसके लिये हमे कौन माफ करेगा ?शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21143822240506460722009-10-22T23:55:08.485+05:302009-10-22T23:55:08.485+05:30अरे... डेजी का पढ कर मन बहुत उदास हो गया, मेरे पास...अरे... डेजी का पढ कर मन बहुत उदास हो गया, मेरे पास भी हेरी है, अभी तो सात साल का हुआ है सब को बहुत प्यारा लगता है, हम ने इसे कभी कुत्ता नही समझा, अपना बच्चा ही समझा है, हरकते बिलकुल डेजी जेसी ही करता है, पाबला जी ओर उन का परिवार कितना उदास होगा....बहुत खाली पन लगेगा.... हम अपने हेरी कॊ नये साल पर घर मै बन्द रखते है, एक बार इस ने जलता हुआ बम्ब मुंह मै रख लिया था.... लेकिन कुछ पल पहले ही इस ने उसे छोड दिया, बस तभी से इसे नये साल पर अंदर बन्द करते है.<br />डेजी तुम ने सच मै बहुत उदास कर दिया... पाबला जी के संग मेरी सहानुभूति है...राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23120789662707243602009-10-22T23:11:10.851+05:302009-10-22T23:11:10.851+05:30बहुत ही सँवेदनशील वृताँत !
मेरे पास भी इस समय एक क...<i><br />बहुत ही सँवेदनशील वृताँत !<br />मेरे पास भी इस समय एक कॉकर स्पेनियल है, <br />नाम है ’ छोटी ! ’ दो वर्ष की है किन्तु पूरे घर पर एक सास की तरह शासन कर रही है ।<br />आज की पोस्ट पढ़ कर पिछले पालतू ज़ानवरों की अवसान कथायें स्मरण हो आयी हैं !<br /><br />इसीलिये आज आप छेड़े जाने से बच गये, पँडिज्जी !<br /></i>डा. अमर कुमारhttps://www.blogger.com/profile/12658655094359638147noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-5843148859712329922009-10-22T22:50:31.514+05:302009-10-22T22:50:31.514+05:30ओह ! पाबला जी और उनके परिवार की स्थिति मैं समझ सकत...ओह ! पाबला जी और उनके परिवार की स्थिति मैं समझ सकता हूँ -एक डेजी हमारे साथ भी है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-66642810542319533732009-10-22T22:05:07.559+05:302009-10-22T22:05:07.559+05:30बहुत ही भावुक कर देने वाली पोस्ट...बहुत ही भावुक कर देने वाली पोस्ट...महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-19032299643935461932009-10-22T21:52:47.522+05:302009-10-22T21:52:47.522+05:30इंसानों से जानवर ज्यादा संवेदनशील होते हैं. हमारा ...इंसानों से जानवर ज्यादा संवेदनशील होते हैं. हमारा खुद का अनुभव भी रहा है. १२ साल साथ में रहने के बाद उस से बिछड़ना अत्यधिक दुखदायी है. हम अपने परिवार के सदस्यों से भी अधिक उसे चाहने लगते हैं क्यों की वह जितना हमसे प्यार करता है उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती. आप तो केवल आगंतुक थे फिर भी उसने आपको कितना स्नेह दिया. आपकी requiem बड़ी अच्छी लगी.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81923806212025218642009-10-22T21:37:43.836+05:302009-10-22T21:37:43.836+05:30आपका संस्मरण बहुत भावुक कर गया. मेरे पास हमेशा से ...आपका संस्मरण बहुत भावुक कर गया. मेरे पास हमेशा से पेट रहे हैं. पहले डॉर्जी, जरम शैपर्ड, फिर चिड़िया-एना..दोनों नहीं रहे..अब बोलू, मोलू, खुशाल हैं चिड़ियों में...<br /><br />डॉर्जी और एना का जाना-मानो परिवार में एक वैक्यूम क्रियेट कर गया.<br /><br />पाबला परिवार का दुख जानता हूँ. मेरी साहनुभूति उनके साथ है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-4918448602136458912009-10-22T21:35:05.821+05:302009-10-22T21:35:05.821+05:30द्विवेदी जी मुझे भी आज दिन में ही पता चला....स्तब्...द्विवेदी जी मुझे भी आज दिन में ही पता चला....स्तब्ध हो गया क्योंकि अभी कुछ ही दिन तो हुए थे पाबला जी ने उसके बारे में मुझे विस्तार से सब कुछ बताया था। ज्यादा बात नहीं कर पाये आज वे...और मैं भी नहीं कर पाया दोबारा। इस दर्द से गुजर चुका हूं मैं खुद भी ..इसलिये महसूस कर सकता हूं। उसकी कमी पाबला जी के परिवार को बहुत खलेगी इतना जानता हूं। क्या कहूं इससे ज्यादा ..दुख हुआअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-26365411421354459662009-10-22T21:08:14.425+05:302009-10-22T21:08:14.425+05:30द्विवेदी जी आँखे भर आयी ये पढ़कर और ताज्जुब भी हुआ...द्विवेदी जी आँखे भर आयी ये पढ़कर और ताज्जुब भी हुआ कि इतने समझदार जानवर और इतना स्नेह भरा प्यार , लेकिन तकलीफ यह है कि अब वह नहीं है<br />डेज़ी तुम्हें आखिरी सलाम! <br />तुम बहुत, बहुत याद आओगी!<br />सच कहा आपनेMishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.com