tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post2272845331614430981..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: हम धरती के जाए "गीत" * महेन्द्र नेहदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-2814179286103690632009-06-21T12:40:22.489+05:302009-06-21T12:40:22.489+05:30द्विवेदी जी,
क्या इस गीत का ऑडियो भी उपलब्ध है...द्विवेदी जी,<br /><br /><br />क्या इस गीत का ऑडियो भी उपलब्ध है...<br /><br />यदि हां, तो कृपया उसे भी अपने ब्लॉग के माध्यम से हमें सुनवाएंसंदीपhttps://www.blogger.com/profile/01871787984864513003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80318859599834991442009-06-21T09:09:48.813+05:302009-06-21T09:09:48.813+05:30वाकई मोहक रचना है ,बधाई प्रस्तुति हेतु .वाकई मोहक रचना है ,बधाई प्रस्तुति हेतु .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-71803010496668736632009-06-21T06:03:21.931+05:302009-06-21T06:03:21.931+05:30"हम हैं धरती के जाए हम सब कुछ सह लेंगे अंधिया..."हम हैं धरती के जाए हम सब कुछ सह लेंगे अंधियारा कल तुम्हें सताए तो रोना मत भाई!"<br /><br />कविता की सहज संवेदना मन को खासा प्रभावित करती है । महेन्द्र नेह जी के इस गीत के लिये आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-18786862643016952972009-06-20T20:43:33.522+05:302009-06-20T20:43:33.522+05:30आदरणीय महेन्द्र नेह जी के इस अद्भुत गीत के लिये आप...आदरणीय महेन्द्र नेह जी के इस अद्भुत गीत के लिये आपका बहुत-बहुत आभार. कल मथुरा वाले दादा मदन मोहन उपेन्द्र जी ने दिनांक 27-06-2009 को कोटा में आयोजित होने वाली नवगीत कार्यशाला और सम्यक के लोकार्पण में चलने का निमंत्रण दिया और आज आपके इस ब्लाग से कोटा के दर्शन भी हो गये. अभिव्यक्ति का भी ब्लाग देखा. जब शुरू हो जायेगा तो बहुत अच्छा लगेगा.<br />आपको शत-शत प्रणाम इस अच्छे कार्य के लिये.संजीव गौतमhttps://www.blogger.com/profile/04495238607820943010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-24567301429321955832009-06-20T20:30:07.977+05:302009-06-20T20:30:07.977+05:30महेन्द्र नेह जी के गीतों के सरोकार बिल्कुल साफ़...
...महेन्द्र नेह जी के गीतों के सरोकार बिल्कुल साफ़...<br />सहज भाषा में आम जन से कैसे गंभीर संवाद किया जा सकता है, गीतों के जरिए..<br />पूरा विश्वविद्यालय हैं वे..<br /><br />इस लाजबाब गीत के लिए धन्यवाद...Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13667127021261817632009-06-20T20:18:25.292+05:302009-06-20T20:18:25.292+05:30तुमने जंगल, नदी, खेत
सब हमसे छीन लिए
संविधान के त...तुमने जंगल, नदी, खेत<br />सब हमसे छीन लिए <br />संविधान के तंत्र मंत्र से <br />बाजू कील दिए <br /><br />संपत्ति रखने का अधिकार क्या दिया, बहुसंख्यक आबादी के सभी अधिकार छिन गए. <br /><br />एक अच्छी, सरल और आसानी से समझ आने वाले कविता के लिए धन्यवाद.शहीद भगत सिंह विचार मंच, संतनगरhttps://www.blogger.com/profile/15974638576824560477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-49833713553029651642009-06-20T17:27:10.870+05:302009-06-20T17:27:10.870+05:30बहुत ही सुंदर कविता,
धन्यवाद
मुझे शिकायत है
...बहुत ही सुंदर कविता, <br />धन्यवाद<br /><br /><br /><a href="http:/sikayaat.blogspot.com/" rel="nofollow"> मुझे शिकायत है </a><br /><a href="http:/parayadesh.blogspot.com/" rel="nofollow"> पराया देश</a> <br /><a href="http:/chotichotibaate.blogspot.com/" rel="nofollow"> छोटी छोटी बातें </a> <br /><a href="http://naneymuney.blogspot.com/" rel="nofollow"> नन्हे मुन्हे</a>राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28558374849809922442009-06-20T17:08:28.604+05:302009-06-20T17:08:28.604+05:30इस बेहतरीन गीत को हम तक लाने के लिए आभार.इस बेहतरीन गीत को हम तक लाने के लिए आभार.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11561812424587869492009-06-20T16:19:25.041+05:302009-06-20T16:19:25.041+05:30उर्जा से सराबोर कर देने वाला गीत है। पढवाने के लिए...उर्जा से सराबोर कर देने वाला गीत है। पढवाने के लिए आभार।<br /><a href="http://alizakir.blogspot.com/" rel="nofollow">-Zakir Ali ‘Rajnish’</a> <br /><a href="http://tasliim.blogspot.com/" rel="nofollow">{ Secretary-TSALIIM </a><a href="http://sciblogindia.blogspot.com/" rel="nofollow">& SBAI }</a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16453621587889218402009-06-20T11:03:31.481+05:302009-06-20T11:03:31.481+05:30बढिया रचना प्रेषित की है।्धन्यवाद।बढिया रचना प्रेषित की है।्धन्यवाद।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-4458197142480997472009-06-20T10:59:13.554+05:302009-06-20T10:59:13.554+05:30कविता शानदार है
हंसना भी शानदार है
भाव भी जानदार ह...कविता शानदार है<br />हंसना भी शानदार है<br />भाव भी जानदार हैं<br />इसे देख सोचकर लगता है<br />रोना भी प्राणवान होगाअविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-62549634703947686362009-06-20T09:27:55.243+05:302009-06-20T09:27:55.243+05:30हम तो हैं मृत्युंजय
हम को मार न पाओगे
काल तुम्हा...हम तो हैं मृत्युंजय <br />हम को मार न पाओगे <br />काल तुम्हारे सिर मंडराए, <br />तो रोना मत भाई!<br /><br />बहुत शानदार कविता. <br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com