tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post2061179123967769364..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: नज़ूमियतदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-47357417809979931092012-02-24T01:09:13.557+05:302012-02-24T01:09:13.557+05:30रोचक। ऐसी पोस्टें आती रहें तो ज्ञान चक्षु खुलते र...रोचक। ऐसी पोस्टें आती रहें तो ज्ञान चक्षु खुलते रहेंगे।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-56391247061393878602012-02-17T16:11:38.294+05:302012-02-17T16:11:38.294+05:30तो ज्येतिषी झूट भी बोलते थे और प्रायश्चित्त भी करत...तो ज्येतिषी झूट भी बोलते थे और प्रायश्चित्त भी करते थे ।<br />इस संदर्भ में एक कहानी याद आती है कि एक ज्योतिषी ने अपने पुत्र को ज्योतिष का पूरा ज्ञान दिया और फिर उसे अपना काम स्वतंत्र रूप से करने की आज्ञा दी । एक परिवार में जाकर बेटे ने परिवार के मुखिया को बतायाक कि आप के परिवार के सब सदस्या आप के सामने ही मृत्यु को प्राप्त होंगे । मुखिया बडा ही नाराज़ हुआ और उसे निकाल बाहर किया तथा उसके पिता को बुला भेजा । पिता ने स्थिति की नजाकत को समझा और कहा अभी बच्चा है अभी सीख रहा है । पर मैं बताता हूँ कि आपकी उम्र परिवार में सबसे लंबी होगी ।<br />सत्यंब्रूयात प्रियं ब्रूयात ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-56801616900870996692012-02-14T17:01:51.936+05:302012-02-14T17:01:51.936+05:30रोचक विषय लिया है..जारी रहें- इन्तजार करते हैं.रोचक विषय लिया है..जारी रहें- इन्तजार करते हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-51467915339242415502012-02-14T14:10:48.509+05:302012-02-14T14:10:48.509+05:30गुणाकर मुळे ने फलित ज्योतिष पर अच्छा लिखा था।
वही...गुणाकर मुळे ने फलित ज्योतिष पर अच्छा लिखा था। <br />वहीं से कुछ याद है- भारत का सबसे पुराना ज्योतिष ग्रंथ वेदांग ज्योतिष है जिसमें संभवतः 121 श्लोक हैं और किसी में मनुष्य के भविष्य की बात नहीं आती है। फलित की परंपरा बाद में शुरू होती है। शुरू में तो ज्योतिष मात्र खगोलविज्ञान ही था... भास्कराचार्य आदि के समय के बाद भारत में अंधविश्वास और भविष्य बताने का काम शुरू हुआ और देश में ठग गणित, विज्ञान की समृद्ध परंपराओं को डुबाते हुए वर्तमान तक वही स्थिति बनाये हुए है।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-65997843352580712452012-02-14T13:04:45.284+05:302012-02-14T13:04:45.284+05:30एक अठन्नी जेब में रखनी चाहिये। जब प्रेडिक्ट करना ह...एक अठन्नी जेब में रखनी चाहिये। जब प्रेडिक्ट करना हो तो सिक्का उछाल लेना चाहिये। <br /><br />तब वाकई दुर्दिन होगा जब सिक्का आड़ा खड़ा हो जाये!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45136664804091649012012-02-14T10:59:42.741+05:302012-02-14T10:59:42.741+05:30रोज़ी रोटी की तो क्या यहां हलवा पूरी की भी कोई समस्...<b>रोज़ी रोटी की तो क्या यहां हलवा पूरी की भी कोई समस्या नहीं है</b><br />नज्म सितारे को कहते हैं और नूजूमी उसे जो सितारों की चाल से वाक़िफ़ हो।<br />सितारों की चाल के असरात ज़मीन की आबो हवा पर तो पड़ते ही हैं। शायद इसी से लोगों ने समझा हो कि हमारी ज़िंदगी के हालात पर भी सितारों की चाल का असर पड़ता है।<br />कुछ हमने भी यार दोस्तों के हाथों की लकीरें देखी हैं और इसी दौरान मनोविज्ञान से भी परिचित हुए।<br />कोई आदमी सितारों और उनकी कुंडलियों को न भी जानता हो लेकिन वह इंसान के मनोविज्ञान को जानता हो तो वह इस देश में ऐश के साथ बसर कर सकता है। <br />सच बोलने वाले का यहां जीना दुश्वार है लेकिन मिथ्याभाषण करने वाला राजा की तरह सम्मान पाता है।<br /><br />ख़ैर, अपने प्रयोग के दौरान हमने यह जाना है कि लोग मुसीबत में हैं और उन्हें उससे मुक्ति चाहिए। इसी तलाश में आदमी हर तरफ़ जाता है और इसी दुख से मुक्ति की तलाश में वह अपना हाथ दिखाने या अपनी कुंडली बंचवाने आएगा।<br />1.कुंवारी को उत्तम वर चाहिए, <br />2.कुंवारे को रोज़गार चाहिए, उसके लिए लड़कियां बहुत हैं।<br />3. शादीशुदा औरत को पुत्र चाहिए।<br />4. बुढ़िया को अपनी बहू अपने वश में चाहिए।<br />5. बीमार को शिफ़ा अर्थात आरोग्य चाहिए।<br /><br />बहरहाल जिस उम्र में जो चाहिए, एक बार आप वह पहचान लीजिए। इसके बाद आप शक्ल देखकर और उसकी बात सुनकर ही भांप जाएंगे कि आपके पास आने वाले को क्या चाहिए ?<br />अब आप बात यों शुरू करें कि <br />आप दिल के बहुत अच्छे हैं। सदा दूसरों की मदद करते हैं। किसी का कभी बुरा नहीं चाहते लेकिन फिर भी लोग आपको ग़लत समझते हैं और आपको धोखा देते हैं। आप दूसरों की मदद करते हैं चाहे ख़ुद के लिए कुछ भी न बचे।<br />उस आदमी का विश्वास आपके प्रति अटूट हो जाएगा कि यह आदमी वास्तव में ही ज्ञानी है। यह जान गया है जैसा कि मैं वास्तव में हूं।<br />हक़ीक़त यह है कि हरेक आदमी अपने अंदर एक आदर्श व्यक्ति के गुण कल्पित किए हुए है। आपकी बात उसके मन के विचार की तस्दीक़ करती है और बस वह आपका मुरीद हो जाएगा। अब आप उसे कोई क्रिया या कोई जाप आदि बताते रहें जिससे समय बीतता रहे। <br />समय हर दर्द की दवा है।<br />जैसे बुख़ार अपनी मियाद पूरी करके ख़ुद ही उतर जाता है या फिर मरीज़ को ही साथ ले जाता है।<br />ऐसे ही समय के साथ या तो उसका कष्ट भी रूख़सत हो जाएगा या फिर वह ख़ुद ही रूख़सत हो जाएगा।<br />इस बीच जब कभी वह शिकायत करे कि साहब आपके बताए तरीक़े का पालन करके भी हमारा कष्ट दूर न हुआ तो उसे मन के संकल्प की दृढ़ता और विचारों की शुद्धि पर एक लेक्चर दे दीजिए।<br />यह एक ऐसा काम है जो पूरा कभी हो नहीं सकता। लिहाज़ा आपके तिलिस्म को आपका मुरीद कभी तोड़ ही नहीं सकता।<br />भारतीय पंडों का तिलिस्म इस्लाम और विज्ञान के बावजूद आज भी क़ायम है और वे मज़े से छप्पन भोग का आनंद ले रहे हैं।<br /><br /><b>कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी<br />सदियों रहा है दुश्मन दौरे जिनां हमारा</b><br /><br />आखि़र अल्लामा इक़बाल ने यूं ही तो नहीं कहा है।<br />(अल्लामा से माफ़ी के साथ , क्योंकि उन्होंने इस मौक़े के लिए यह शेर नहीं कहा था।)<br /><br />ये चंद पॉइंट हैं जिन्हें जागरूकता के लिए शेयर करना ज़रूरी समझा और इसलिए भी कि अगर कोई रोज़ी रोटी की समस्या से त्रस्त होकर आत्महत्या करने की सोच रहा हो तो प्लीज़ वह ऐसा न करे। रोज़ी रोटी की तो क्या यहां हलवा पूरी की भी कोई समस्या नहीं है। मरने से बेहतर है जीना। <br />निकम्मेपन से बेहतर है कर्म , अब चाहे वह मनोविज्ञान को समझकर सलाह देना ही क्यों न हो !<br />हां लोगों की जेब काटने और उनकी आबरू लूटने की नीयत नहीं होनी चाहिए।<br />आपके बुज़ुर्ग ऐसे नहीं थे यह जानकर अच्छा लगा।DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-11085230926843957692012-02-14T09:39:26.205+05:302012-02-14T09:39:26.205+05:30जहां तक काल गणना का मामला था। यह सब पूरी तरह वैज्ञ...जहां तक काल गणना का मामला था। यह सब पूरी तरह वैज्ञानिक लगता था और सीखने में आनंद आता था। लेकिन जब फलित का चक्कर शुरू हुआ तो हम चक्कर खा गए। <br /><br />@ कॉल गणना की इस वैज्ञानिक पद्दति को अपना पेट भरने के चक्कर में पंडावादियों ने फलित गणित से इस शानदार व काम के शास्त्र को जोड़कर भविष्य बताने का धंधा कर इसे आम लोगों की नजर में अंधविश्वासी बना दिया|Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21043520337220897842012-02-14T07:12:36.979+05:302012-02-14T07:12:36.979+05:30कर्मयोगियों का रास्ता नहीं है यूं इधर उधर बगलें झा...कर्मयोगियों का रास्ता नहीं है यूं इधर उधर बगलें झांकना ☺Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-8861119574575472382012-02-14T06:51:19.343+05:302012-02-14T06:51:19.343+05:30उपवास आदि का एक और कारण पता चला :)उपवास आदि का एक और कारण पता चला :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-36907561707968936002012-02-14T05:52:50.669+05:302012-02-14T05:52:50.669+05:30हम गृहण में विश्वास करते हैं ग्रहण में नहीं...हम गृहण में विश्वास करते हैं ग्रहण में नहीं...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7058685400665635442012-02-14T04:06:18.195+05:302012-02-14T04:06:18.195+05:30ज्योतिष अर्थात पंचांग गणना पूर्णत: वैज्ञानिक है। ग...ज्योतिष अर्थात पंचांग गणना पूर्णत: वैज्ञानिक है। ग्रह, नक्षत्रो के उदय और अस्त होने की गणना, किसी ग्रह के किसी विशेष नक्षत्र मे उदय और अस्त होने की गणना ज्यामिती और गणित के आधार पर होती है। हमारे पुराने ज्योतिषी खगोल शास्त्र(Astronomy) के ज्ञाता थे, फलीत ज्योतिष या गत्यात्मक ज्योतिष (Astrology) के नही।<br /><br />लेकिन इसके आधार पर किसी व्यक्ति या समाज या देश के भविष्य का अनुमान लगाना अंधविश्वास के अतिरिक्त कुछ नही है।<br /><br />मै Astonomy मे पूरा विश्वास करता हूं, Astrology मे बिलकुल नही।Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-86619765392770697702012-02-14T00:27:40.548+05:302012-02-14T00:27:40.548+05:30दिनेशजी,
इस पोस्ट को लिखने के लिये बहुत आभार।
जब ह...दिनेशजी,<br />इस पोस्ट को लिखने के लिये बहुत आभार।<br />जब हम बच्चे थे तो अक्सर ही पुरानी पीढी के लोगों से सुनने को मिल जाया करता था कि हमारी तो जनमपत्री है ही नहीं या फ़िर बिना पत्री मिलाये ही विवाह हो गया। मेरे माता पिता का विवाह बिना जन्मपत्री मिलाये हुआ जिसका ताना आज भी दोनो एक दूसरे को मौके-बेमौके देते रहते हैं कि अगर पहले पत्री मिला ली होती तो दोनो बच जाते, वैसे पत्री उनकी आज तक नहीं बनी है।<br /><br />लेकिन आज के दौर में विवाह के दौरान इस जन्मपत्री और कुंडली साफ़्टवेयर ने आतंक मचा रखा है। लडका/लडकी देख लिया, परिवार की पूरी खबर है, सब कुछ बढिया है लेकिन अरे ये क्या पत्री नहीं मिल रही है। कौन समझाये कि पहले जब विवाह सम्बन्ध मात्र किसी समबन्धी की सलाह पर बन जाते थे तो शायद पत्री का मिलान मन को संतोष देता होगा लेकिन...खैर जाने दीजिये...<br /><br />इसके अलावा संगीताजी ने भी पहले फ़लित ज्योतिष के बारे में कई भ्रमों को दूर किया और कहा कि गत्यात्मक ज्योतिष अधिक वैज्ञानिक है। भाई, ग्रहों की गणना तो पहले भी गति के आधार पर होती चली आ रही है, उसमें नया क्या है? लेकिन हां, उससे पहले शायद गत्यात्मक ज्योतिष के आधार पर किसी ने शेयर बाजार, क्रिकेट मैच की पहली और दूसरी ईनिंग और सरकारों की भविष्यवाणी शायद ही इतने वैज्ञानिक तरीके से की हो। संगीताजी: असहमति के लिये पहले से ही माफ़ी मांग लेता हूँ, इसे व्यक्तिगत द्वेष कतई न समझा जाये।Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-42888230206209993282012-02-14T00:04:43.131+05:302012-02-14T00:04:43.131+05:30प्रतीक्षा है.प्रतीक्षा है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com