tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post1852994329656894509..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: चिंदी-चिंदी बीनती, फिर भी नहीं हताशदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-38672374537925145232011-06-30T23:55:53.092+05:302011-06-30T23:55:53.092+05:30@चंदन कुमार मिश्र
चंदन जी आप की बात सही है। वहाँ ...@चंदन कुमार मिश्र <br />चंदन जी आप की बात सही है। वहाँ "है" टाइपिंग की गलती से अधिक हो गया है। गलती दुरुस्त कर दी गई है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80109236309908430952011-06-29T02:26:12.933+05:302011-06-29T02:26:12.933+05:30फुटपाथों पर चीखता, सिर धुनता है न्याय।
न्यायालय मे...फुटपाथों पर चीखता, सिर धुनता है न्याय।<br />न्यायालय में देवता, बन बैठा है अन्याय।।<br /><br />में चौथे चरण में 'है' नहीं होगा।<br /><br />दोहे अच्छे लगे।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57208822447585137722010-08-16T23:08:46.535+05:302010-08-16T23:08:46.535+05:30जिन्दा दोहे बॉंच कर, झनझना गई देह।
धन्यवाद दिनेश...जिन्दा दोहे बॉंच कर, झनझना गई देह।<br />धन्यवाद दिनेशजी, धन्य-धन्य है नेह।।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-45494159779900300042010-08-16T14:13:50.717+05:302010-08-16T14:13:50.717+05:30बनते बनते बिगड़ गई दॆश की तकदीर :(
अच्छी कविता के ...बनते बनते बिगड़ गई दॆश की तकदीर :(<br />अच्छी कविता के लिए आभार।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-81161339335931296482010-08-16T12:03:11.730+05:302010-08-16T12:03:11.730+05:30सच को बयाँ करते शानदार दोहे दिल को छू गये…………आभार्...सच को बयाँ करते शानदार दोहे दिल को छू गये…………आभार्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-28711015088705150492010-08-16T10:14:51.255+05:302010-08-16T10:14:51.255+05:30महेंद्र नेह से परिचय कराने के लिए शुक्रिया ..बेहतर...महेंद्र नेह से परिचय कराने के लिए शुक्रिया ..बेहतरीन लिखते हैं यह ! शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-72125962896263940062010-08-16T10:06:47.079+05:302010-08-16T10:06:47.079+05:30जिसने छीनी रोटियाँ, जिसने छीने खेत।
वोट उसी को दे...जिसने छीनी रोटियाँ, जिसने छीने खेत। <br />वोट उसी को दे रहे, कृषक मजूर अचेत।।<br />चिंदी-चिंदी बीनती, फिर भी नहीं हताश।<br />वह कूड़े के ढेर में, जीवन रही तलाश।।<br /><br />यूँ तो सारे ही दोहे खास है ...मगर मुझे ये दो बहुत ही भाये ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21119144255368886272010-08-16T07:58:49.970+05:302010-08-16T07:58:49.970+05:30desh aur samaj ki kadvi hiqiqak bayan karate dohe....desh aur samaj ki kadvi hiqiqak bayan karate dohe.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/01216952461135615166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-59923595804707369762010-08-16T07:58:49.480+05:302010-08-16T07:58:49.480+05:30desh aur samaj ki kadvi hiqiqak bayan karate dohe....desh aur samaj ki kadvi hiqiqak bayan karate dohe.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/01216952461135615166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43615203826369960922010-08-16T00:56:12.957+05:302010-08-16T00:56:12.957+05:30बहुत बढ़िया दोहे ....बहुत बढ़िया दोहे ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-62331128089372375832010-08-15T22:31:52.805+05:302010-08-15T22:31:52.805+05:30सभी चित्र ओर कविता आज की सचाई है, मै कल से सभी को ...सभी चित्र ओर कविता आज की सचाई है, मै कल से सभी को बधाई संदेश तो दे रहा हुं लेकिन दिमाग मै एक ही प्रशन घुम रहा है कि क्या हम आजाद हो गये है सच मै क्या भारत ने सच मै विकास कर लिया है,,, इस सुंदर ओर मन के तारो को छूने वाली कविता के लिये नेः साहब का धन्यवाद ओर आप का धन्यवाद जो आप ने हम तक पहुचाई. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-50842961228625314032010-08-15T21:05:27.600+05:302010-08-15T21:05:27.600+05:30गजब आं की तासिर, नेह जी के दोहे।
सांची बातां लिखी,...गजब आं की तासिर, नेह जी के दोहे।<br />सांची बातां लिखी, मेरे मनड़ा नै मोहे॥<br /><br /> <br />राम राम सा<br />स्वतंत्रता दिवस की घणी घणी बधाईब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91291729582671616252010-08-15T19:22:34.205+05:302010-08-15T19:22:34.205+05:30नेह जी हमेशा ही अपने शब्दों को दिल तक उतार देते है...नेह जी हमेशा ही अपने शब्दों को दिल तक उतार देते हैं। सटीक दोहे। स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-18660898725266317362010-08-15T18:19:06.309+05:302010-08-15T18:19:06.309+05:30इन दोहों में देश का सत्य खोल कर रख दिया है।इन दोहों में देश का सत्य खोल कर रख दिया है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-13570987031972564922010-08-15T18:14:13.223+05:302010-08-15T18:14:13.223+05:30माकूल दोहे...
हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो...माकूल दोहे...<br /><br />हर एक घर में दिया भी जले अनाज भी हो<br />अगर ना हो कहीं ऐसा तो एहतिजाज भी हो<br /><br />हुकुमतों को बदलना तो कुछ मुहाल नहीं<br />हुकुमतें जो बदलता हो वो समाज भी होरवि कुमार, रावतभाटाhttps://www.blogger.com/profile/10339245213219197980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-90233129338025046552010-08-15T18:11:43.300+05:302010-08-15T18:11:43.300+05:30वाह गजब की कविता है,वाह गजब की कविता है,Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-84190867951774809522010-08-15T17:29:11.670+05:302010-08-15T17:29:11.670+05:30अब मजहब की देह से, रिसने लगा मवाद।इन्सानों के कत्ल...अब मजहब की देह से, रिसने लगा मवाद।इन्सानों के कत्ल का, नाम हुआ जेहाद।।<br /><br />चिंदी-चिंदी बीनती, फिर भी नहीं हताश। वह कूड़े के ढेर में, जीवन रही तलाश।।<br /><br />ये दोनों तो कमाल के दोहे हैं । महेंद्र नेह के दोहे <br />पढवाने का बहुत बहुत धन्यवाद ।शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-23818921965117863432010-08-15T17:21:48.385+05:302010-08-15T17:21:48.385+05:30जबरदस्त दोहे!
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आ...जबरदस्त दोहे!<br /><br />स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.<br /><br />सादर<br /><br />समीर लालUdan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-72770423895189237412010-08-15T16:45:56.828+05:302010-08-15T16:45:56.828+05:30ह्रदय को छू लेने वाले दोहे !ह्रदय को छू लेने वाले दोहे !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-16653114685970287252010-08-15T16:07:04.396+05:302010-08-15T16:07:04.396+05:30वाह गजब की कविता है, धन्यवाद आपकोवाह गजब की कविता है, धन्यवाद आपकोशोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.com