tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post1770935384280456801..comments2024-03-19T10:02:48.954+05:30Comments on अनवरत: मुश्किल का दूधदिनेशराय द्विवेदीhttp://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-21153811037163857672010-08-07T05:22:31.338+05:302010-08-07T05:22:31.338+05:30भागीरथ प्रयास हो गया ये तो दूध के लिए !भागीरथ प्रयास हो गया ये तो दूध के लिए !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6660282851003133442010-08-07T04:08:01.501+05:302010-08-07T04:08:01.501+05:30दूध लाने से मुझे सख्त नफरत रहा है| कारण आप ने लिख ...दूध लाने से मुझे सख्त नफरत रहा है| कारण आप ने लिख ही दिया है| <br />वैसे पैकेट वाले दूध पर्व त्यौहार के समय नहीं मिलते|कईयों की तरह मैंने भी दूध ही छोड़ दिया था|Sachihttps://www.blogger.com/profile/04099227991727297022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-44661893860871018852010-08-06T21:14:46.047+05:302010-08-06T21:14:46.047+05:30एक गाय पाल लीजिये। हमने बहुत दिनों तक पाली है। उसस...एक गाय पाल लीजिये। हमने बहुत दिनों तक पाली है। उससे स्वस्थ उपाय नहीं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-87735596920128720962010-08-06T20:17:56.825+05:302010-08-06T20:17:56.825+05:30क्या सर हमें लगा जैसे मदर डेयरी का, जैसे सरस का , ...क्या सर हमें लगा जैसे मदर डेयरी का, जैसे सरस का , जैसे अमूल का दूध आता है , वैसे ही "मुश्किल का दूध "नए ब्रांड का दूध उतारा गया है मार्केट में ताकि खरीदने वाले को पहले ही अंदाजा हो जाए कि , मु्श्किल का दूध है भईया ..........मगर दूध लाने की यात्रा तो कठिन लगी .......। अरे सर आइडिया है ...क्यों न भैंसों को ही ये काम सौंप देते कि वे खुद ही घर तक आ जाया करें ..........T.A ..में एकाध रुपल्ली और बढा दीजीएगा ...अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-91238872971212081182010-08-06T18:43:06.711+05:302010-08-06T18:43:06.711+05:30रोचक प्रसंग
कई वर्ष हो गए, भुवनेश शर्मा जी जैसे अ...रोचक प्रसंग<br /><br />कई वर्ष हो गए, भुवनेश शर्मा जी जैसे अपन भी दूध से तौबा किए बैठे हैं<br /><br /><a href="http://www.google.com/profiles/bspabla" rel="nofollow"> बी एस पाबला</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-80528585922638295772010-08-06T17:39:20.335+05:302010-08-06T17:39:20.335+05:30थोडा पानी तो दूध वाले पहले से ही बाल्टी में रखते ह...थोडा पानी तो दूध वाले पहले से ही बाल्टी में रखते हैं, जब थनों को धोते हैं।<br />कहते हैं रखना जरूरी है वर्ना धार बजती है और अपशकुन होता है।<br />लेकिन यह नाममात्र की मिलावट है।<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-55528522815132207162010-08-06T17:37:03.884+05:302010-08-06T17:37:03.884+05:30बल्कि सीधे बिस्तर उठकर दूध लेने जाया कीजिये।
दिशा ...बल्कि सीधे बिस्तर उठकर दूध लेने जाया कीजिये।<br />दिशा मैदान के लिये दशहरा मैदान है ही:)<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-85440418283324898562010-08-06T17:35:11.678+05:302010-08-06T17:35:11.678+05:30सतीश जी की बात पर गौर फरमायें।
एक किलोमीटर आना और ...सतीश जी की बात पर गौर फरमायें।<br />एक किलोमीटर आना और जाना सुबह-सुबह (दूर भी नहीं है)<br />कोई भी मौसम हो तीन-चार दिन में आदत पड जायेगी और मजा आ जायेगा। <br />बढिया मौका है वॉकिंग भी हो जायेगी और दूध भी बढिया मिलेगा।<br />तीन दिन का एक साथ लाने की बजाय एक दिन का लाया कीजिये।<br />शाम को जाने की जरूरत नहीं है।<br /><br />प्रणाम स्वीकार करेंअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-19940657566917450142010-08-06T15:31:03.971+05:302010-08-06T15:31:03.971+05:30दिनेश जी, पता नही हम लोग क्यो हर चीज मै मिलावट करत...दिनेश जी, पता नही हम लोग क्यो हर चीज मै मिलावट करते है... जब कि ईमान दारी से बढ कर कोई चीज नही, हम यहां दुध गांव के किसान से लेते है, कभी कभी किसान घर पर नही होता तो उस का घर खुला होता है, हम जितना दुध चाहिये नाप कर ले आते है, ओर उतने पेसे वहां रख देते है, कभी पानी का शक भी दिल मै नही आता, ओर इसी दुध से हम दही ओर पनीर बनाते है, घी भी बहुत बन जाता है जिसे हम बहुत कम खाते है.<br />चलिये आप का मुश्किल का दुध स्वाद लगा धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-74101127109719577422010-08-06T14:47:34.291+05:302010-08-06T14:47:34.291+05:30आप बहुत अच्छा लिखते हैं, क्यों ना ब्लॉग जगत में एक...आप बहुत अच्छा लिखते हैं, क्यों ना ब्लॉग जगत में एक-दुसरे के धर्म को बुरा कहने के ऊपर कुछ लिखें. किसी को बुरा कहने का किसी को भी हक नहीं है. लोगो का दिल दुखाना सबसे पड़ा पाप है.<br /><br />मुझे क्षमा करना, मैं अपनी और अपनी तमाम मुस्लिम बिरादरी की ओर से आप से क्षमा और माफ़ी माँगता हूँ जिसने मानव जगत के सब से बड़े शैतान (राक्षस) के बहकावे में आकर आपकी सबसे बड़ी दौलत आप तक नहीं पहुँचाई उस शैतान ने पाप की जगह पापी की घृणा दिल में बैठाकर इस पूरे संसार को युद्ध का मैदान बना दिया। इस ग़लती का विचार करके ही मैंने आज क़लम उठाया है...<br /><br /><a href="http://apkiamanat.blogspot.com" rel="nofollow">आपकी अमानत</a>Armughanhttps://www.blogger.com/profile/11648365063859226065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-43877602073092950622010-08-06T11:27:31.528+05:302010-08-06T11:27:31.528+05:30शुद्ध दूध पीने वाले बड़े खुशकिस्मत हैं हमारी नजर ...शुद्ध दूध पीने वाले बड़े खुशकिस्मत हैं हमारी नजर में तो....आपने फिर से दूध पीने की इच्छा को जिंदा कर दिया....मैं पहले म.प्र. सहकारी फेडरेशन का पैकेट वाला लेता था...पर उसका आउटलेट भी बंद हो गया....भैंस रखने वालों के यहां एक घंटे पहले जाकर बैठना और पल-पल उसकी हर हरकत पर निगाह रखना अपने तो बस की बात नहीं...इसलिए दूध से ही तौबा कर चुके हैं <br />अभी देखिए क्या-क्या होना है....पहले दूध और फिर पानी की कीमतें पेट्रोल को मात करेंगी...bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-63218835861026463722010-08-06T11:13:16.054+05:302010-08-06T11:13:16.054+05:30वाकई बहुत मुश्किल से मिला असली दूध ....हम तो शहर ...वाकई बहुत मुश्किल से मिला असली दूध ....हम तो शहर में न जाने क्या लेते हैं ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-31912708029183692982010-08-06T10:50:31.853+05:302010-08-06T10:50:31.853+05:30पैदल जाया करो दूध लेने ! इस प्रकार वाकिंग में बढ़ो...पैदल जाया करो दूध लेने ! इस प्रकार वाकिंग में बढ़ोतरी होगा और दूध भी आता रहा करेगा !<br />शुभकामनाएं !!!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-32157998417950565692010-08-06T09:17:09.408+05:302010-08-06T09:17:09.408+05:30@ ali,
वो तो है अली भाई,
सुनार से सामने बैठ कर जे...@ ali, <br />वो तो है अली भाई,<br />सुनार से सामने बैठ कर जेवर घड़वाओ और खोट न डाले तो काहे का सुनार। वैसे ही सामने दूध दूह कर भी पानी न मिला पाए तो काहे का गूजर (ग्वाल)।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-7859962522360874762010-08-06T09:04:38.484+05:302010-08-06T09:04:38.484+05:30मुश्किल का दूध ? आप तो बहुत तकदीर वाले हैं !
मैं...मुश्किल का दूध ? आप तो बहुत तकदीर वाले हैं !<br /><br />मैं तो कहता हूं दूध मुश्किल में है ! लहसुन /आक्सीटोन / पानी / यूरिया / डिटर्जेंट / और ना जाने क्या क्या ! <br />एक ग्वाले ने मेरे एक मित्र को उसके सामने दूध दुह कर दिया ! दूध में पानी तब भी था :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-6627024891685591732010-08-06T08:57:40.357+05:302010-08-06T08:57:40.357+05:30इधर हमें तो कोई दिक्कत नहीं है। घर पर एक गाय है, ए...इधर हमें तो कोई दिक्कत नहीं है। घर पर एक गाय है, एक भैंस है। दोनों का मिलाकर ही पीते हैं। <br />हां, दिल्ली में बडी दिक्कत है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-67834615231259670602010-08-06T08:39:26.552+05:302010-08-06T08:39:26.552+05:30सार्थक और सराहनीय प्रस्तुती ....दरअसल ईमानदारी और...सार्थक और सराहनीय प्रस्तुती ....दरअसल ईमानदारी और इंसानियत खत्म होती जा रही है और सरकारी उदासीनता और मंत्रियों द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल खेलने की वजह से देश और समाज में भी यह खेल प्रेरणा का काम कर रहा है ...हर कोई मंत्रियों का उदहारण प्रस्तुत कर बेईमानी और लोभ-लालच का खेल खेलने में व्यस्त है |honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-57259327518056800342010-08-06T08:20:47.219+05:302010-08-06T08:20:47.219+05:30शुद्धता खोजना बड़ा कठीन काम है.. और उत्तरोतर कठीन ...शुद्धता खोजना बड़ा कठीन काम है.. और उत्तरोतर कठीन होता जाएगा.. <br /><br />आसान है सरस... हर रोज एक सा... तय है फेट कितना है.. स्वाद तो फिर स्वाद है..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1604947878232005729.post-37914917019825642182010-08-06T07:29:33.407+05:302010-08-06T07:29:33.407+05:30कोटा की गाय-भैंसों की पंक्चुएलिटी देखकर खुशी हुई।कोटा की गाय-भैंसों की पंक्चुएलिटी देखकर खुशी हुई।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com