@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: ऐ लड़की * महेन्द्र 'नेह' की एक कविता

बुधवार, 2 दिसंबर 2009

ऐ लड़की * महेन्द्र 'नेह' की एक कविता

महेन्द्र नेह की एक कविता उन के सद्य प्रकाशित संग्रह थिरक उठेगी धरती से ...

ऐ लड़की
  • महेन्द्र  'नेह'
ऐ, लड़की
ऐ, लड़की
तू प्यार के धोखे में मत आ


ऐ, लड़की
तू जिसे प्यार समझे बैठी है
वह और कुछ है
प्यार के सिवा


ऐ, लड़की तूने
अपने पाँव नहीं देखे
तूने अपनी बाँहें नहीं देखीं
तूने मौसम भी तो नहीं देखा


ऐ, लड़की
तू प्यार कैसे करेगी?
ऐ, लड़की
तू अपने पाँवों में बिजलियाँ पैदा कर

 ऐ, लड़की
तू अपनी बाँहों में पंख उगा
ऐ, लड़की
तू मौसम को बदलने के बारे में सोच
ऐ, लड़की
तू प्यार के धोखे में मत आ।

14 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

ऐ, लड़की
तू प्यार कैसे करेगी?
ऐ, लड़की
तू अपने पाँवों में बिजलियाँ पैदा कर
ऐ, लड़की
तू अपनी बाँहों में पंख उगा
ऐ, लड़की
तू मौसम को बदलने के बारे में सोच

बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति..कविता कुछ बेहतरीन संदेश देते हुए निकलती है...बढ़िया रचना..धन्यवाद

Amrendra Nath Tripathi ने कहा…

बेहतरीन कविता ...
कोरी भावुकता से हट कर
प्रौढ़ चिंतन किया गया है ...
..............आभार .....................

Chandan Kumar Jha ने कहा…

सुन्दर रचना ।

sandeep sharma ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना है...

ऐ, लड़की...

राज भाटिय़ा ने कहा…

ऐ, लड़की
तू मौसम को बदलने के बारे में सोच
ऐ, लड़की
तू प्यार के धोखे में मत आ।
बहुत सुंदर

उम्मतें ने कहा…

'पावों में बिजलियां , हाथों में पंख और मौसम बदलने ....'


सुन्दर कविता !

mehek ने कहा…

bahut hi umeedon se bhari sunder rachana,padhwane ke liye shukran

Khushdeep Sehgal ने कहा…

छई छप छई, छपाक छई,
पानियों पे छींटे उड़ाती हुई लड़की,
देखी है हमने,
आती हुई लहरों पे जाती हुई लड़की...

जय हिंद...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

सुंदर अनुभूति पढ़वाने के लिए आभार

Arvind Mishra ने कहा…

बहुत सुन्दर, सीधे सम्प्रेषण करती कविता !

Udan Tashtari ने कहा…

नेह जी की रचनाओं का जबाब नहीं..सीधी और गहरी!

Kusum Thakur ने कहा…

सीधे शब्दों में गहरे भाव !!

neelima garg ने कहा…

interesting poem..

Ashok Kumar pandey ने कहा…

वाह जी वाह्…